Advertisment

भारत में अब 6 बन्नी नस्ल के हैं आईवीएफ बछड़े

भारत में अब 6 बन्नी नस्ल के हैं आईवीएफ बछड़े

author-image
IANS
New Update
India now

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

भारत में कुल छह बन्नी नस्ल के आईवीएफ बछड़े हैं। सभी गुजरात की एक ही जगह से हैं। देश में गायों और भैंसों के लिए कृत्रिम गभार्धान कार्यक्रम में बढ़ाया गया एक कदम है।

इस मामले में, कृत्रिम गभार्धान में बन्नी भैंसों के इन व्रिटो निषेचन (आईवीएफ) के लिए डिंब पिक-अप (ओपीयू) और आकांक्षा प्रक्रियाएं शामिल थीं।

23 अक्टूबर को भारत के पहले आईवीएफ बच्चे का जन्म गिर-सोमनाथ अभयारण्य के पास धनेज के एक निजी फार्म में हुआ था। ये अगले पाँच भी उसी जगह से हैं।

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा, यह मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (एमएफएएचडी) द्वारा अपनी तरह की एक पहल है जो राष्ट्रीय डेयरी उत्पादन को एक महत्वपूर्ण बढ़ावा देने की क्षमता को कायम रखती है। आज के समय में यह जरूरी है कि हम अपने स्वदेशी मवेशियों का संरक्षण करें।

विवरण के बारे में बताते हुए, एक वैज्ञानिक ने कहा कि हमने इन तीन बन्नी भैंसों से एक इंटरवेजिनल कल्चर डिवाइस (आईवीसी) को 29 अंडे की कोशिकाओं के अधीन किया। उनमें से कुल 20 अंड़ाणु आईवीसी के अधीन थे, जिसके परिणामस्वरूप 11 भ्रूण हुए। स्थानांतरण नौ भ्रूणों के साथ किया गया, जिसके परिणामस्वरूप 3 आईवीएप गर्भधारण प्रक्रिया पूरी हुई।

वैज्ञानिक ने कहा कि दूसरे दाता से कुल 5 अंडाणु के परिणामस्वरूप 5 भ्रूण (100 प्रतिशत) हुए। पांच भ्रूणों में से, चार को ईटी के लिए चुना गया, जिसके परिणामस्वरूप दो गर्भधारण हुए। तीसरे दाता के 4 अंडाणु से, दो भ्रूण विकसित किए गए, और भ्रूण स्थानांतरण के परिणामस्वरूप एक गर्भावस्था हुई।

कुल मिलाकर, 29 अंडाणु से 18 भ्रूण विकसित किए गए, जबकि 15 भ्रूणों के ईटी के परिणामस्वरूप छह बन्नी गर्भधारण (40 प्रतिशत गर्भावस्था दर) हुई।

मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 दिसंबर, 2020 को गुजरात के कच्छ क्षेत्र के अपने दौरे के दौरान बन्नी भैंस की नस्ल के बारे में बात की थी। जिसके अगले दिन, यानी 16 दिसंबर, 2020, ओवम पिक-अप ( ओपीयू) और बन्नी भैंसों के इन व्रिटो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के लिए आकांक्षा प्रक्रियाओं की योजना बनाई गई थी।

मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (एमएफएएचडी) ने गुजरात में सुशीला एग्रो फार्म, धनेज, गिर-सोमनाथ के किसान विनय एल वाला को बधाई दी है।

मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा, यह राष्ट्रीय संरक्षक, आईवीएफ लैब, डॉ श्याम झावर की कड़ी मेहनत के कारण संभव हुआ है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment