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आईआईटी कानपुर तैयार करेगा साइबर योद्धा

कानपुर आईआईटी में नए साल से साइबर सुरक्षा के योद्धा तैयार किये जायेंगे. दरअसल आईआईटी नए सत्र से साइबर सुरक्षा के तीन नए पाठ्यक्रम शुरू करेगा. इसमें पीएचडीए मास्टर ऑफ साइंस, स्नातक और स्नातकोत्तर की दोहरी डिग्री के पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है.

Updated on: 16 Dec 2020, 01:23 PM

कानपुर:

उत्तर प्रदेश के कानपुर आईआईटी में नए साल से साइबर सुरक्षा के योद्धा तैयार किये जायेंगे. दरअसल आईआईटी नए सत्र से साइबर सुरक्षा के तीन नए पाठ्यक्रम शुरू करेगा. इसमें पीएचडीए मास्टर ऑफ साइंस, स्नातक और स्नातकोत्तर (पीजी) की दोहरी डिग्री के पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है. इनमें 12वीं के बाद साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने की ख्वाहिश रखने वाले छात्र-छात्राएं सत्र 2021-22 से बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी, मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी की दोहरी डिग्री वाले पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकेंगे. इसके अलावा मास्टर इन साइंस की स्नातकोत्तर डिग्री में ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट की मेरिट पर दाखिला मिलेगा. पीएचडी में भी प्रवेश परीक्षा की रैंकिंग के आधार पर छात्रों को साइबर सुरक्षा के नए पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा.

कार्यक्रम निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि साइबर सिक्योरिटी में एमटेक कार्यक्रम छात्रों को वल्नरेबिलिटी असेसमेंट एंड पेनेट्रेशन टेस्टिंग, कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम जैसी सुरक्षा प्रणालियों के बारे में बताया जाएगा. शोध कार्यक्रमों के तहत साइबर स्पेस रिसर्चर, टेक्नोलॉजी डेवलपर, साइबर स्पेस स्ट्रेटेजिस्ट व टॉप लेवल साइबर स्पेस पॉलिसी डिजाइनर जैसे पाठ्यक्रमोंको डिजाइन किया गया है.

उन्होंने बताया कि आईआईटी के ये नए पाठ्यक्रम साइबर विशेषज्ञ तैयार करेंगे जो देश में साइबर सुरक्षा का मजबूत कवच बनेंगे. अगले वर्ष अप्रैल और मई के दौरान इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए छात्र-छात्राएं आवेदन कर सकेंगे. नए पाठ्यक्रमों को डिजिटल भारत को ध्यान में रख कर डिजाइन किया गया है. कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग विभाग ये पाठ्यक्रम संचालित करेगा.

आईआईटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. राधाकृष्णन के. कोप्पिलिल ने बताया कि देश में साइबर योद्धाओं की आवश्यकता अब और अधिक उत्सुकता से महसूस की जा रही है. संस्थान इसे पूरा करेगा.

आईआईटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि कोविड-19 के बाद अब अधिक से अधिक लोग ऑनलाइन व डिजिटल उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं जिससे साइबर सुरक्षा की जरूरत भी बढ़ी है. इसी कारण अब साइबर योद्धा तैयार होंगे.