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500 करोड़ रुपये की लागत से आईआईटी दिल्ली में किया सीआरएफ विकसित

500 करोड़ रुपये की लागत से आईआईटी दिल्ली में किया सीआरएफ विकसित

Updated on: 28 Sep 2021, 08:40 PM

नई दिल्ली:

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली ने एक ऐसा मंच विकसित किया है, जहां देश भर से कोई भी अनुसंधानकर्ता अपने अनुसंधान के लिए आईआईटी दिल्ली के केंद्रीय अनुसंधान सुविधा (सीआरएफ) में उपकरण बुक कर सकता है।

मंगलवार को आईआईटी दिल्ली द्वारा इसकी घोषणा की गई। इस प्रणाली के माध्यम से, देश भर के शोधकर्ता दिल्ली स्थित आईआईटी के मुख्य परिसर व सोनीपत परिसर में भी आईआईटी दिल्ली की केंद्रीय अनुसंधान सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं।

आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव ने इस विषय पर कहा कि सीआरएफ में रिसर्च से जुड़ी विभिन्न उच्च स्तरीय सुविधाओं पर 500 करोड़ रुपये की लागत आई है। फंडिंग के मुख्य स्रोतों में अनुदान, विशेष अनुदान, औद्योगिक अनुसंधान और विकास के माध्यम से आईआईटी दिल्ली अनुदान, डीएसटी की परिष्कृत विश्लेषणात्मक और तकनीकी सहायता संस्थान (साथी) परियोजना, हेफा ऋण आदि शामिल हैं।

दिल्ली से सटे हरियाणा के सोनीपत में आईआईटी दिल्ली का विस्तार करते हुए वर्ष 2017 में एक नया सीआरएफ परिसर बनाया गया है। आईआईटी दिल्ली के मुताबिक सोनीपत में बहुत बड़े क्षेत्र के साथ एक और नया भवन भी निमार्णाधीन है, जो मार्च 2022 तक पूरा हो जाएगा।

केंद्रीय अनुसंधान सुविधा के प्रमुख व आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर पंकज श्रीवास्तव ने इस केंद्र के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कुछ सबसे आधुनिक उपकरण जैसे भौतिक संपत्ति मापन प्रणाली, एक्स-रे फोटो उत्सर्जन स्पेक्ट्रोमीटर, उच्च-रिजॉल्यूशन ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप, आणविक बीम एपिटैक्सी, यूनिवर्सल टेस्टिंग मशीन, इलेक्ट्रॉन पैरामैग्नेटिक रेजोनेंस आदि अब सोनीपत में रखे गए हैं।

प्रोफेसर वी रामगोपाल राव ने कहा कि हमारे पास यहां सीआरएफ में 50 से अधिक विभिन्न सुविधाएं हैं, जो पहले से ही उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध हैं। यह संख्या अगले दो वर्षों में दोगुनी होने की संभावना है।

संस्थान में अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी दिल्ली में केंद्रीय 2011 में यह सुविधा प्रारंभ की गई थी। वहीं 2017 के बाद से, सीआरएफ सुविधाओं को कई अत्याधुनिक उच्च स्तरीय प्रयोगात्मक सुविधाओं के साथ बढ़ाया गया है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.