Coronal Hole: सूरज में हुआ विशालकाय गड्डा, जिसमें समा सकती है 60 पृथ्वी, धरती को हो सकता है ये नुकसान

Coronal Hole in the Sun: सूर्य को लेकर किए जा रहे एक शोध में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि सूर्य की सतह में एक विशालकाय गड्ढा हो गया है. जिसमें 60 पृथ्वियां समा सकती हैं.

Coronal Hole in the Sun: सूर्य को लेकर किए जा रहे एक शोध में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि सूर्य की सतह में एक विशालकाय गड्ढा हो गया है. जिसमें 60 पृथ्वियां समा सकती हैं.

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Suhel Khan
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Coronal Hole in Sun( Photo Credit : NASA)

Coronal Hole in the Sun: सूर्य के बिन पृथ्वी ही नहीं बल्कि ब्रह्मांड की कल्पना भी नहीं की जा सकती. ऐसे में अगर हमारा सूरज टूट कर बिखर जाए तो इंसान समेत दुनिया के हर जीव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. इसीलिए दुनियाभर के वैज्ञानिक दूसरे ग्रहों पर जीवन की खोज के साथ-साथ सूर्य के रहस्यों को जानने की भी कोशिश कर रहे हैं. इसी बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सूर्य को लेकर की जा रही एक स्टडी के बारे में चौंकाने वाली जानकारी दी है. नासा ने दावा किया है कि सूरज की सतह में करीब 8 किमी लंबा गड्ढा हो गया है. ऐसा माना जा रहा है कि इस गड्डे में एक दो नहीं बल्कि 60 पृथ्वियां समा सकती हैं.

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नासा ने सूरज में हुए इस गड्डे को 'कोरोनल होल' नाम दिया है. खगोलशास्त्रियों का मानना है कि इस कोरोनल होल से सोलर तरंगें हमारी धरती की ओर आ रही हैं. जिसके असर से पृथ्वी तक कई तरह का खतरा मंडरा रहा है. नासा के मुताबिक, सोलर तरंगे पृथ्‍वी के रेडियो और सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्‍टम को बर्बाद कर सकती हैं.

पृथ्‍वी के लिए कितना खतरनाक है ये गड्ढा?

बता दें कि सूर्य में लगातार गतिविधियों होती रहती हैं. इनमें सनस्पॉट, सौर फ्लेयर्स, कोरोनल मास इजेक्शन और कोरोनल होल जैसी घटनाएं शामिल हैं. ये घटनाएं सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र से जुड़ी होती हैं. सनस्पॉट को सूर्य की सतह पर उन ठंडे क्षेत्रों को कहा जाता है जहां चुंबकीय क्षेत्र काफी मजबूत होते हैं. जैसे-जैसे हम सौर अधिकतम के नजदीक बढ़ते हैं वैसे ही वैज्ञानिक भी तीव्र सौर गतिविधि को लेकर तैयारी शुरू कर देते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि वर्तमान में सूर्य में हुए कोरोनल होल से धरती को कोई बड़ा खतरा नहीं है. जिसकी वजह ये है कि ये पृथ्वी के चेहरे से दूर की दिशा में आगे बढ़ रहा है.

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कब खत्म होगा ये गड्ढा?

खगोलशास्तियों के मुताबिक, सूरज का कोरोनल होल एक दिन के अंदर अपने चरम आकार पर पहुंच गया. ये 4 दिसंबर से शुरू हुआ है और अब लगातार पृथ्वी का सामना कर रहा है. वैज्ञानिक सूरज के इस गड्डे को असामान्य नहीं मान रहे. जिसके चलते दुनियाभर के वैज्ञानिकों की चिंताएं बढ़ गई हैं. बताया जा रहा है कि सूर्य में इस तरह के गड्ढे तब बनते हैं जब सूर्य अपने 11वर्ष के गतिविधि चक्र के चरम पर होता है. इस घटना को सौर अधिकतम के रूप में जाना जाता है. ऐसा माना जा रहा है कि सूर्य के कोरोनल होल का अंत अगले साल यानी 2024 में होगा.

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शुरू में कहा जा रहा था कि सौर हवाएं 500-800 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से यात्रा कर सकती हैं जो एक मध्यम G2 भू-चुंबकीय तूफान को प्रेरित करने में सक्षम हैं. इस घटना के चलते धरती पर रेडियो ब्लैकआउट की स्थिति पैदा हो सकती है. हालांकि स्पेसवैदर डॉट कॉम के मुताबिक, इस सौर हवा की तीव्रता अपेक्षा से कम गंभीर थी, जिसके चलते केवल कमजोर G1 भू-चुंबकीय तूफान ही आया. बता दें कि हल्के प्रभाव के बावजूद इसके विशेष रूप से उच्च अक्षांशों पर, ध्रुवीय प्रदर्शन की संभावना पैदा हो सकती है.

HIGHLIGHTS

  • सूरज की सतह में हुआ विशालकाय गड्ढा
  • इस गड्ढे में समा सकती है 60 पृथ्वी
  • कोरोनल नाम से जाना जा रहा है ये गड्ढा

Source : News Nation Bureau

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