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Solar eclipse 2020 : जानिए क्यों कहा जा रहा है वलयाकार सूर्य ग्रहण, जानिए ग्रहण से संबंधित पूरी डिटेल यहां

भारत समेत इस ग्रहण का नजारा नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूऐई, एथोपिया तथा कोंगों में दिखेगा.

Updated on: 19 Jun 2020, 03:39 PM

नई दिल्ली:

वर्ष 2020 का पहला सूर्यग्रहण 21 जून (रविवार) को पड़ रहा है. खास बात ये हैं कि ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा जिसमें चंद्रमा सूर्य का करीब 98.8% भाग ढक देगा. भारत समेत इस ग्रहण का नजारा नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूऐई, एथोपिया तथा कोंगों में दिखेगा. वहीं भारत में देहरादून, सिरसा अथवा टिहरी कुछ प्रसिद्ध शहर है जहां पर लोग वलयाकार सूर्य ग्रहण का खूबसूरत नजारा देख पाएंगे. देश के अन्य हिस्सों में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा.

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सूर्य ग्रहण का समय

देश की राजधानी दिल्ली में सूर्य ग्रहण की शुरुआत 10:20 AM के करीब होगी. ग्रहण 12:02 PM बजे अपने पूर्ण प्रभाव में होगा और इसकी समाप्ति 01:49 PM पर होगी. देश के अन्य शहरों में ग्रहण के समय में कुछ अंतर देखने को मिल सकता है. इस ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा. जिसकी शुरुआत ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले हो जाएगी. सूतक 20 जून की रात 09:52 बजे से लग जाएगा.

क्‍या होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण

ये ग्रहण न ही आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और न ही पूर्ण सूर्यग्रहण, क्योंकि चन्द्रमा की छाया सूर्य का करीब 99% भाग ही ढकेगी. आकाशमण्डल में चन्द्रमा की छाया सूर्य के केन्द्र के साथ मिलकर सूर्य के चारों ओर एक वलयाकार आकृति बनायेगी. जिससे सूर्य आसमान में एक आग की अंगूठी की तरह नजर आएगा. साल के सबसे बड़े दिन पर ये ग्रहण लगने जा रहा है. जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आता है और सूर्य के मध्य भाग को पूरी तरह से ढक लेता है तो इस घटना को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है. इसके परिणामस्वरूप सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह दिखाई देता है.

खुली आंखों से न देखें ग्रहण

चंद्रमा की तरह सूर्य ग्रहण खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि इसका बुरा असर आपकी आंखों पर पड़ सकता है. सूर्य ग्रहण को सुरक्षित तकनीक या तो एल्युमिनेटेड मायलर, ब्लैक पॉलिमर, शेड नंबर 14 के वेल्डिंग ग्लास या टेलिस्कोप द्वारा सफेद बोर्ड पर सूर्य की इमेज को प्रोजेक्‍ट करके करके उचित फिल्टर का उपयोग करके देखा जा सकता है.