कब और कैसे होगी पृथ्वी की मौत ? चौंकाने वाला सच आया सामने
धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि ये संसार नश्वर है. यानी यहां पर जो कुछ भी है, इसको एक दिन नष्ट हो जाना है. ऐसे में एक सवाल हमेशा से रहा है, क्या हमारी पृथ्वी भी एक दिन खत्म हो जाएगी.
highlights
- ग्रीनहाउस गैस से बढ़ेगी बेतहाशा गर्मी
- पृथ्वी पर जीवों का रहना हो जाएगा दूभर
- मंगल ग्रह की तरह बंजर हो जाएगी धरती
नई दिल्ली:
Death of Earth: धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि ये संसार नश्वर है. यानी यहां पर जो कुछ भी है, इसको एक दिन नष्ट हो जाना है. ऐसे में एक सवाल हमेशा से रहा है, क्या हमारी पृथ्वी भी एक दिन खत्म हो जाएगी. दरअसल, सदियों से लोग हमारे एकमात्र घर यानी पृथ्वी की मृत्यु (Death of Earth) के बारे में भयभीत और उत्सुक दोनों रहे हैं. यही वजह है कि माया कैलेंडर की भविष्यवाणी से लेकर निबिरू प्रलय तक की अंतहीन सिद्धांत और कहानियां लोगों में खूब चर्चा का विषय रही है. हालांकि, इन सिद्धांत के पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होने की वजह से ये सभी गलत साबित हुई. गौरतलब है, इस सवाल को लेकर कई तरह की अंटलें लगाई जाती रही है, लेकिन अब इसका वैज्ञानिक जवाब आ गया है.
ग्रीन हाउस गैस से बिगड़ेगी पृथ्वी की सेहत
उल्लेखनीय है कि बेतहाशा औद्योगिकीकरण की वजह से लगातार ग्रीन हाउस गैस में इजाफा होता जा रहा है. इसके परिणामस्वरूप पृथ्वी पर लगातार तापमान में वृद्धि की शुरुआत हो चुकी है. वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर इसी तरह ग्रीन हाउस का उत्सर्जन जारी रहा तो तापमान में बेतहाशा इजाफा होने से पौधों सहित धरती पर अधिकांश जीवित प्रजातियों खत्म कर देगा, जिसकी वजह से पृथ्वी पर रहने वाले जीवों के लिए ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, इससे हमारी पृथ्वी पर जीवों का रहना मुश्किल हो जाएगा. लेकिन इससे पृथ्वी की मौत नहीं होगी.
तब पृथ्वी की मृत्यु कब होगी?
ऐसे में सवाल पैदा होता है कि आखिर पृथ्वी की मौत कब होगी. वैज्ञानिकों के मुताबिक पृथ्वी के निधन का अगला चरण अब से पांच से सात अरब वर्षों में दिखाई देगा. दरअसल, एक वक्त ऐसा आएगा जब सूर्य एक तारे से एक विशाल हीलियम के जलने वाले लाल विशालकाय गोले में बदल जाएगा. उस वक्त इसकी गर्मी इतनी बढ़ जाएगी कि पृथ्वी पर कुछ भी इस गर्मी को झेल नहीं पाएगा. बढ़ती गर्मी और चमक की वजह से सूर्य अपने वर्तमान आकार से सैकड़ों गुना ज्यादा बड़ा हो जाएगा. इसके बाद गर्मी पृथ्वी की सतह को पूरी तरह से चट कर जाएगी. फिर पृथ्वी पूरी तरह से बंजर हो जाएगी. बंजर भूमि, मंगल की तरह. इसके बाद जैसे ही सूरज ठंडा होगा तो इसके दो संभावित अंत होने की संभावना है. या ठंडा होने से पहले ही लाल विशालकाय चरण हमारे ग्रह को निगल जाएगा और इसे अलग कर देगा . जब यह अलग होगा, तब यह एक अंतरिक्ष में चट्टान के रूप में मरने के लिए तैरने वाला सौर मंडल का हिस्सा होगा. लेकिन, इस नजारे को देखने के लिए हम में से कोई भी इस दुखद स्वप्न देखने के लिए नहीं होगा.
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