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हार्वर्ड के प्रोफेसर करेंगे उल्कापिंड की खोज, एलियन तकनीक का हिस्सा होने की आशंका 

हार्वर्ड के वैज्ञानिकों ने बीते दिनों गिरे उल्कापिंड को लेकर बड़ा खुलासा किया है. इसके लिए लिए वह खास रिचर्स कर रहे हैं

Updated on: 28 Apr 2022, 06:23 PM

highlights

  • पापुआ न्यू गिनी के तट पर आकाश में दिखा था
  • दावा, जनवरी 2014 में पृथ्वी से टकराने वाला आब्जेक्ट उल्का पिंड नहीं है

नई दिल्ली:

हार्वर्ड के वैज्ञानिकों ने बीते दिनों गिरे उल्कापिंड को लेकर बड़ा खुलासा किया है. इसके लिए वह खास रिचर्स कर रहे हैं. उनका मानना है कि यह वास्तव में एलियन तकनीक का हिस्सा है. उल्कापिंड जैसे दिखने वाले इस आब्जेक्ट के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने की कोशिश हो रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार बीते हफ्ते यूएस स्पेस कमांड ने पुष्टि की कि 2014  में पृथ्वी से टकराने वाला एक उल्का दूसरे सौर मंडल से आया था और यह पहला ज्ञात इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट है. 2017 में इस पिंड की खोज हुई थी. जब ये स्पेस में था. एजेंसी की ओर से कहा गया है कि जब ये प्रक्षेप्य- जो मानुस द्वीप, पापुआ न्यू गिनी के तट पर आकाश में दिखा था, हर जगह रौशनी फैल गई थी. 

एलियन यान होने की आशंका

हार्वर्ड के भौतिक विज्ञानी एवी लोएब ने दावा किया कि जनवरी 2014 में पृथ्वी से टकराने वाला आब्जेक्ट उल्का पिंड नहीं है. बल्कि यह एक एलियन तकनीक का एक टुकड़ा है या हो सकता है कि यह कोई एलियन यान हो. 

कौन हैं एवी लोएब

प्रो. लोएब ने खगोल विज्ञान का अध्ययन करने में दशकों तक समय लगाया है. हाल ही में उन्होंने इस संभावना पर अपनी मुहर लगाई है. उनका कहना है कि पृथ्वी से परे जीवन मौजूद है. उनके दावे अक्सर सुर्खियां बटोरते हैं और उन्हें अपने इन सिद्धांतों को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ा है. प्रो.लोएब ने कुछ वर्ष पहले इस वस्तु को इंटरस्टेलर के रूप में पहचाना था. उन्होंने ब्लैक होल, अंतरिक्ष विकिरण, प्रारंभिक ब्रह्मांड व अपने क्षेत्र के अन्य विषयों पर कई शोध किए हैं. बीते एक दशक में उनका ध्यान एक अधिक विवादास्पद विषय पर गया है.  हालांकि कई वैज्ञानिकों ने उनके दावों को गैर-जिम्मेदाराना बताकर खारिज कर दिया है.