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डिस्लेक्सिया से पीड़ित लोगों के लिए सेलेक्ट टु स्पीक टूल को गूगल ने अधिक सरल बनाया

डिस्लेक्सिया से पीड़ित लोगों के लिए सेलेक्ट टु स्पीक टूल को गूगल ने अधिक सरल बनाया

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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गूगल ने क्रोमबुक पर कुछ नई एक्सेसिबिलिटी सुविधाएं पेश की हैं, जिसमें इसके सेलेक्ट-टु-स्पीक टूल को अधिक तरल और समझने में आसान बनाना शामिल है।

डिस्लेक्सिया, कम दृष्टि वाले लोगों, नई भाषा सीखने वालों या व्यस्त टेक्स्ट पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई वाले लोगों के लिए, क्रोमबुक्स पर सेलेक्ट-टु-स्पीक उन्हें अपनी स्क्रीन पर चयनित टेक्स्ट को जोर से बोलने की अनुमति देता है।

अब, सेलेक्ट-टु-स्पीक के लिए नई, अधिक मानवीय आवाजें बोले गए टेक्स्ट को अधिक तरल और समझने में आसान बनाने में मदद करेंगी।

गूगल ने एक बयान में कहा, वर्तमान में 25 भाषाओं में प्राकृतिक आवाजें विभिन्न लहजे में उपलब्ध हैं।

इस सुविधा को विकसित करने के लिए, गूगल ने डिस्लेक्सिया के विशेषज्ञ शिक्षकों के साथ-साथ डिस्लेक्सिया वाले व्यक्तियों के साथ काम किया।

उन्होंने साझा किया कि विशेष रूप से एक शैक्षिक सेटिंग में जोर से पढ़े जाने वाले पाठ को सुनने से समझ में वृद्धि होती है।

कंपनी ने कहा, फीचर में प्राकृतिक-ध्वनि वाली आवाजें लाकर, उदाहरण के लिए एक स्थानीय उच्चारण जिसका आप उपयोग कर रहे हैं, स्क्रीन पर पढ़ी और हाइलाइट की गई सामग्री के साथ-साथ इसका पालन करना भी आसान है।

गूगल ने क्रोमबुक की अंतर्निहित पहुंच-योग्यता सुविधाओं का उपयोग करना, खोजना और अनुकूलित करना भी आसान बना दिया है।

इसमें स्क्रीन आवर्धक के अपडेट जैसे कीबोर्ड पैनिंग और शॉर्टकट शामिल हैं।

कंपनी ने कहा, हमने क्रोमवॉक्स के लिए नए इन-प्रोडक्ट ट्यूटोरियल भी विकसित किए हैं और स्विच उपयोगकर्ताओं के लिए चयन प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाने के लिए पॉइंट स्कैनिंग की शुरुआत की है।

गूगल ने हाल ही में द एकेडमी फॉर सर्टिफिकेशन ऑफ विजन रिहैबिलिटेशन एंड एजुकेशन प्रोफेशनल्स (एसीवीआरईपी) के साथ मिलकर एक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है।

यह आठ-मॉड्यूल पाठ्यक्रम क्रोमबुक और गूगल वर्कस्पेस एक्सेसिबिलिटी सुविधाओं को शामिल करता है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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