Advertisment

इसरो की इस पहल से अब दुश्मन की हर हरकत पर होगी सेना की पैनी नजर

इस बार भारत अपनी आजादी का दोगुना जश्न मनाने वाला है क्योंकि इस बार 12 अगस्त को यानि कि स्वतंत्रता दिवस से ठीक तीन दिन पहले अपने सबसे उन्नत उपग्रह जीसैट-1 (Updated Satellite Gisat-1) लॉन्च करेगा.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
तीसरे सर्जिकल स्ट्राइक में बहुत महत्‍वपूर्ण रोल निभाएगा ISRO का यह 'जासूस'

सांकेतिक चित्र( Photo Credit : फाइल )

Advertisment

इस बार भारत अपनी आजादी का दोगुना जश्न मनाने वाला है क्योंकि इस बार 12 अगस्त को यानि कि स्वतंत्रता दिवस से ठीक तीन दिन पहले अपने सबसे उन्नत उपग्रह जीसैट-1 (Updated Satellite Gisat-1) लॉन्च करेगा. यह उपग्रह देश की सुरक्षा और मौसम की जानकारी के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण साबित होगा. इस सैटेलाइट की मदद से हम देश की सीमाओं की वास्तविक तस्वीरें भी आसानी से ले सकेंगे. सीमा सुरक्षा के लहजे से ये उपग्रह पाकिस्तान और चीन के साथ सीमा पर भारत पहले से बेहतर निगरानी कर सकेगा. देश के इस महत्वरपूर्ण सैटेलाइट को 12 अगस्त को सुबह 5.43 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा.

इसरो का ये सैटेलाइट पृथ्वी से 36 हजार किमी ऊपर की कक्षा में स्थापित होने के बाद यह उपग्रह आकाश में देश की आंख बनकर सीमावर्ती इलाकों की निगरानी करेगा. भारत इस उपग्रह के जरिए देश की सीमावर्ती इलाकों  पर तीसरी आंख बनकर स्थापित रहेगा. इस उपग्रह की नजर से देश के दुश्मन भी नहीं बच पाएंगे. अंतरिक्ष विभाग के एक अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि भू अवलोकन उपग्रह का यह प्रक्षेपण कुछ मायने में भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाला है. अत्यधिक क्षमता के कैमरे लगे होने से उपग्रह भारतीय भूमि और सागर की निगरानी करेगा, खासतौर पर निरंतर सीमाओं की.

यह भी पढ़ेंःबिहार: बाढ़ में तबाह हो गए सड़कें, पुल और गांव, नहीं डिगा तो 600 साल पुराना 'अमर कुआं'- देखें तस्वीरें

ये उपग्रह काफी पहले लांच किया जाना था लेकिन देश में आई कोरोना महामारी की वजह से अब जाकर लांच किया गया. आपको बता दें कि यह इस साल भारत का प्राथमिक उपग्रह का पहला प्रक्षेपण होगा. इसके पहले 28 फरवरी को इसरो ने ब्राजील के प्राथमिक उपग्रह अमेजोनिया-1 के साथ कुछ देसी उपग्रहों सहित 18 छोटे उपग्रहों को प्रक्षेपित किया था. दुनिया भर में आई कोरोना महामारी की वजह से इस सैटेलाइट के प्रक्षेपण में काफी देरी हुई.

यह भी पढ़ेंःवित्तवर्ष 22 की पहली तिमाही में वास्तविक GDP वृद्धि 20 फीसदी अपेक्षितः रिपोर्ट

इसरो का GSLV-F10 रॉकेट आखिरकार 2,268 किलोग्राम वजनी Gisat-1, कोडनेम EOS-3 को जियो-ऑर्बिट में डालने के लिए पूरी तरह से तैयार है. इस उपग्रह के प्रक्षेपित हो जाने के बाद देश की सीमा सुरक्षा के साथ ही साथ प्राकृतिक आपदाओं सहित मौसम की रियल टाइम जानकारी भी मिलती रहेगी. पहले  जीसैट-1 का प्रक्षेपण मूल रूप से आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले से 5 मार्च को होने वाला था, लेकिन तकनीकी वजहों के चलते प्रक्षेपण से ठीक एक दिन पहले इसे निलंबित कर दिया गया था.

HIGHLIGHTS

  • भारत के सरहदी इलाकों की होगी निगरानी 
  • मौसम या दैवीय आपदा के बारे में भी मिलेगी जानकारी
  • 12 अगस्त को Gisat-1 लांच कर रहा है इसरो
isro to launch pakistan china border satellite launching real time border image why gisat 1 important for india EYE IN THE SKY gisat 1 launch on aug 12
Advertisment
Advertisment
Advertisment