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मंकीपॉक्स की जांच के लिए आरटी-पीसीआर किट लॉन्च, 50 मिनट से भी कम समय में मिलेगा परिणाम

मंकीपॉक्स की जांच के लिए आरटी-पीसीआर किट लॉन्च, 50 मिनट से भी कम समय में मिलेगा परिणाम

Updated on: 26 Jul 2022, 05:05 PM

नई दिल्ली:

डायग्नोस्टिक कंपनी जेनेस2मी ने मंगलवार को घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने मंकीपॉक्स वायरस के लिए एक रीयल-टाइम पीसीआर-आधारित किट विकसित की है।

कंपनी ने दावा किया कि उसकी पीओएक्स-क्यू मल्टीप्लेक्स वाली आरटी-पीसीआर किट उच्च सटीकता दर (हाई फ्रीक्वेंसी रेट) के साथ 50 मिनट से भी कम समय में परिणाम देती है।

जेनेस2मी के सीईओ और संस्थापक नीरज गुप्ता ने एक बयान में कहा, यह अभूतपूर्व समय स्वास्थ्य सुरक्षा तैयारियों और तत्परता में नैदानिक परखों के महत्व को रेखांकित करता है। समय के मूल्य को समझते हुए, हमने मंकीपॉक्स के लिए यह आरटी पीसीआर लॉन्च किया है, जो उच्चतम सटीकता के साथ 50 मिनट से भी कम समय में परिणाम देगा।

गुप्ता ने उल्लेख किया कि कंपनी के पास वर्तमान में एक सप्ताह में 50 लाख परीक्षण किट बनाने की क्षमता है और इसे अतिरिक्त मांग के साथ एक दिन में 20 लाख परीक्षण तक बढ़ाया जा सकता है।

अभी तक 75 देशों से मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। भारत में भी इस वायरस के चार मरीज पाए गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने प्रकोप को अंतरराष्ट्रीय चिंता के तौर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है।

डब्ल्यूएचओ ने सिफारिश की है कि मंकीपॉक्स की प्रयोगशाला पुष्टि के लिए नमूना प्रकार त्वचा की घाव सामग्री (स्किन लेसियन मैटिरियल) है, जिसमें घाव की सतह और / या एक्सयूडेट, एक से अधिक घावों की परतें या घाव की पपड़ी शामिल हैं।

इसलिए, मंकीपॉक्स का पता लगाने के लिए, वीटीएम या वायरल ट्रांसपोर्ट माध्यम में रखे गए सूखे स्वैब और स्वैब दोनों का उपयोग किया जा सकता है - संग्रह के बाद वायरस के नमूनों को संरक्षित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला घोल - का उपयोग किया जा सकता है।

किट किसी भी सामान्य रूप से उपलब्ध आरटी-पीसीआर उपकरणों के लिए मानक संस्करण (स्टैंडर्ड वर्जन) के साथ-साथ जेनेस2मी रैपी-क्यू एचटी रैपिड आरटी-पीसीआर डिवाइस पर प्वाइंट-ऑफ-केयर प्रारूप दोनों में उपलब्ध है।

कंपनी ने कहा कि प्वाइंट-ऑफ-केयर समाधान का उपयोग अस्पतालों, हवाई अड्डों, नैदानिक प्रयोगशालाओं, स्वास्थ्य शिविरों सहित कई साइटों पर स्क्रीनिंग के लिए किया जा सकता है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.