भारत के चंद्र मिशन, चन्द्रयान-2 की योजना अप्रैल के मध्य में तय की गई है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष के सिवन ने 11 जनवरी को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए यह बात कही. इसरो ने इससे पहले कहा था कि चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण इस साल जनवरी से 16 फरवरी के बीच किया जाएगा. 800 करोड़ रुपए की लागत वाला यह अभियान करीब 10 साल पहले प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-1 का उन्नत संस्करण है.
वहीं गगनयान मिशन को लेकर प्रमुख ने कहा, 'यह ISRO के लिए एक अहम टर्निंग प्वाइंट साबित होगा. हमारी तैयारी जारी है.' के सिवन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'इस मिशन के लिए लक्ष्य दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 तय किया गया है.'
इसरो अध्यक्ष ने बताया, 'गगनयान के लिए शुरुआती ट्रेनिंग भारत में की जाएगी और एडवांस्ड ट्रेनिंग रूस में दी जा सकती है.' उन्होंने बताया कि टीम में महिला अंतरिक्ष यात्री भी होंगी और यही हमारा उद्देश्य है.'
क्या है गगनयान प्रोग्राम?
गगनयान भारत का पहला मिशन है जिसके तहत अंतरिक्षयात्री को भेजने की योजना है. गगनयान प्रोग्राम के तहत 3 क्रू मेंबर को लगभग 7 दिन के लिए स्पेस भेजा जाएगा. माना जा रहा है कि भारत की अंतरिक्ष क्षमता बढ़ाने के लिए यह प्रोगाम लाभदायक सिद्ध होगा. गगनयान प्रोग्राम पर कुल 10 हज़ार करोड़ रुपये खर्च होने की बात कही गई है. इस मिशन को 40 महीनें में पूरा करने की बात कही गई है. इसरो के पास इस पूरे मिशन की ज़िम्मेदारी दी गई है यानी कि उनके नेतृत्व में ही पूरा कार्य होगा.
गगनयान भेजने के पहले दो मानवरहित मिशन को अंजाम देने की भी योजना है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत पहले अंतरिक्ष अभियान पर भेजने के लिए लोगों का चुनाव इसी साल किया जाएगा. भारतीय वायुसेना ने गगनयान अंतरिक्ष अभियान के लिए दिग्गज पायलट की पहचान शुरू भी कर दी है. चुनाव के लिए पायलट को मनोवैज्ञानिक परीक्षण सहित अन्य कई तरह के परीक्षणों से गुजरना होगा.
और पढ़ें- देश की पूर्वी सीमा पर चीनी सैन्य जमावड़ा, ITBP ने किया लेह का रुख
सरकार देश की आजादी के 75 साल पूरे होने से पहले अभियान को लॉन्च करना चाहती है. अंतरिक्ष मिशन में एक महिला अंतरिक्ष यात्री भी होंगी, महिला अंतरिक्ष यात्री का चुनाव मिलिट्री पायलट पूल से होगा.
Source : News Nation Bureau