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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने चंद्रयान 2 पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि चंद्रयान 2 ISRO का अब तक का सबसे कॉम्पलेक्स मिशन बनते जा रहा है. वैज्ञानिक रूप से यह चंद्रयान-1 का फॉलो मिशन है. यह युवा वैज्ञानिकों समूह के लिए बड़ा मोटिवेटर बनने जा रहा है. चंद्रयान 2 के लॉन्च के बाद भारत विश्व का तीसरा देश बन जाएगा. इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस ने इसे लॉन्च कर चुके हैं.
Former #ISRO Chief, G Madhavan Nair: #Chandrayaan2 is going to be the most complex mission that ISRO has undertaken so far. Scientifically, it is a follow on mission to confirm data from Chandrayaan-1. It is going to be a big motivator for the young scientific groups. pic.twitter.com/HdwyUNNmu1
— ANI (@ANI) July 14, 2019
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चंद्रयान-2 का वजन 3,877 किग्रा है. ये चंद्रयान-1 से करीब तीन गुना ज्यादा वजनी है. चंद्रयान-2 में 13 पेलोड शामिल हैं. इनमें 8 पेलोड ऑर्बिटर में... 3 लैंडर में...और 2 रोवर में रहेंगे. चंद्रयान-2 के 4 बाहुबली हैं जिनकी बदौलत चांद को फतह करने की तैयारी है. जीएसएलवी मार्क-3, आर्बिटर, लैंडर 'विक्रम' और रोवन 'प्रज्ञान'. यही वो चार बाहुबली हैं जिनके कंधों पर इंडिया को स्पेस का सुपर पावर बनाने की जिम्मेदारी है. इन्हीं की कामयाबी से तय होगी मिशन चंद्रयान-2 की सफलता. क्या काम है इन बाहुबलियों का और कैसे ये चांद को अपनी मुट्ठी में करेंगे. ये समझिए.
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करीब दो दशकों से भारत मिशन मून में जुटा है. कोशिश है चांद पर पहुंचकर उसे करीब से देखना. चांद की सतह को समझना. उसके वायुमंडल को महसूस करना. चांद पर सदियों से मौजूद अंतरिक्ष के रहस्यों की पड़ताल करना. वहां जीवन की संभावना को तलाशना. वहां दफन बेशकीमती कुदरती खजाने का पता लगाना.
HIGHLIGHTS
- जी माधवन ने दिया बड़ा बयान
- चंद्रयान2 अबतक का सबसे कॉम्पलेक्स मिशन
- युवा वैज्ञानिक के लिए बड़ा मोटिवेटर