Fine on Google: हम में से कई बार लोग इनकोगनिटो मोड का इस्तेमाल करते हैं ये सोचकर कि हमारा डेटा ट्रैक नहीं होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. गूगल हमारे हर एक एक्टिविटी पर नजर बनाएं रखता है. गूगल को एक बड़ा झटका लगा है. गूगल पर आरोप लगा है कि वो यूजर्स के डेटा को लगातार ट्रैक कर रहा है. इस मामले पर अमेरिका की एक कोर्ट ने कंपनी को 5 बिलियन डॉलर देने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि गूगल की परेंट कंपनी अल्फाबेट को 24 फरवरी से पहले ये पेमेंट करना होगा.
दरअसल अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज यवोन गोंजालेज रोजर्स ने केस को अगली सुनवाई तक के लिए टाल दिया है. गूगल के वकील का कहना है वो इस मामले का निपटारा कोर्ट के बाहर करना चाहता है. वहीं याचिकर्ता ने कंपनी पर आरोप लगाया है कि गूगल एनालिटिक्स, कुकीज और गूगल के अन्य ऐप के जरिए यूजर्स को ट्रैक करता है. ये मामला डाटा प्राइवेसी का है.
गूगल की अपील खारिज
याचिकाकर्ता के द्वारा इस मामले पर कोर्ट में ठोस सबूत पेश किए है. केस में कहा गया है कि गूगल पुश नोटिफिकेशन के जरिए जानकारी जुटाता है. इसके अलावा उसने कहा कि उपभोक्ता को क्या पंसद और क्या नापसंद है. उसके दोस्त कौन है, पसंदीदा खाना, जगह इतना ही नहीं आप क्या शोपिंग करते हैं, आपकी आदतें तक को ट्रैक किया जा रहा है. इन दलीलों को सुनने के बाद कैलिफोर्निया की कोर्ट ने गूगल के दलीलों को खारिज कर दिया है. इससे पहले गूगल ने अगस्त में केस खारिज करने की अपील की थी. लेकिन कोर्ट ने बात को मानने के इंकार कर दिया.
5 हजार हर यूजर
कोर्ट की बातों को सुनने के बाद गूगल ने कहा है वो इस मामले को कोर्ट के बाहर सुलह करना चाहता है. इसके बाद कोर्ट ने आदेश में कहा कि ये मामला 2020 का है और इसमें लाखों यूजर्स पार्टी बन चुके हैं. इसलिए साल 2016 के बाद सभी यूजर्स को हुए नुकसान की भरपाई करनी होगी. आदेश के मुताबिक हर यूजर को 5 हजार डॉलर मुआवजा देना है. इस हिसाब से गूगल को 24 फरवरी 2024 के पहले यूजर्स को 5 बिलियन डॉलर यानि भारतीय रुपओं में 41 हजार करोड़ रुपए देने होंगे. इसके अलावा इस संबंध में दस्तावेज भी जमा करने को कहा है अगर वो नहीं करता है तो जुर्माने की रकम बढ़ सकती है.
Source : News Nation Bureau