फेसबुक (Facebook) की ओर से कुछ यूजर्स को चेतावनी जारी की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फेसबुक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर साझा किए गए स्क्रीनशॉट में एक नोटिस दिखाया है जिसमें यूजर्स से यह पूछा गया है कि क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते जो चरमपंथी बन रहा है? इसके अलावा यूजर्स को हानिकारक चरमपंथी सामग्री के संपर्क के आने से सचेत रहने को कहा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फेसबुक के ऊपर काफी समय से सांसदों और नागरिक अधिकार समूहों से अपने प्लेटफार्म पर चरमपंथ का मुकाबला करने के लिए दबाव रहा है. जनवरी के दौरान अमेरिका में घरेलू आंदोलन को भी इसमें शामिल किया गया है. बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करने वाले समूहों ने इस आंदोलन में अमेरिकी कांग्रेस को प्रमाणित करने से रोकने की कोशिश की थी.
बता दें कि नवंबर के अमेरिकी चुनाव में जो बाइडेन ने जीत दर्ज की थी. फेसबुक का कहना है कि यह छोटा परीक्षण है, जो सिर्फ इसके मुख्य मंच पर किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फेसबुक के प्रवक्ता ने एक ईमेल के जरिए कहा कि यह परीक्षण फेसबुक पर चरमपंथी सामग्री से जुड़े हुए या उनके संपर्क में रहने वाले ऐसे लोगों को रिसर्च और सहायता प्रदान करने के तरीकों का आकलन करने के हमारे काम का हिस्सा है.
बता दें कि अमेरिका में कुछ फेसबुक (Facebook) उपयोगकतार्ओं से पूछा गया है कि क्या वे इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उनके जानने वाला कोई संदिग्ध ऑनलाइन पोस्ट या गतिविधियों के माध्यम से 'चरमपंथी' बन सकता है, क्योंकि सोशल नेटवर्क का उद्देश्य इस मंच से चरमपंथ से निपटना है. अन्य उपयोगकतार्ओं को सूचित किया जा रहा है कि वे चरमपंथी कंटेंट के संपर्क में आ सकते हैं. फेसबुक के प्रवक्ता एंडी स्टोन ने सीएनएन को बताया कि यह एक परीक्षण का हिस्सा है जिसे सोशल मीडिया कंपनी अपनी 'रीडायरेक्ट इनिशिएटिव' से चला रही है. इसका उद्देश्य 'हिंसक चरमपंथ' का मुकाबला करना है. गुरुवार को आई एक रिपोर्ट में स्टोन को उद्धृत किया गया कि "यह परीक्षण फेसबुक पर लोगों को संसाधन और सहायता प्रदान करने के तरीकों का आकलन करने के लिए हमारे बड़े काम का हिस्सा है, जो चरमपंथी कंटेंट से जुड़े हुए हैं या उनके संपर्क में हैं, या किसी ऐसे व्यक्ति को जान सकते हैं जो जोखिम में है.
HIGHLIGHTS
- फेसबुक के प्रवक्ता एंडी स्टोन ने बताया कि यह एक परीक्षण का हिस्सा है
- यूजर्स को चरमपंथी सामग्री के संपर्क के आने से सचेत रहने को कहा गया है