म्यांमार, श्रीलंका और भारत जैसे देशों में हिंसा फैलाने में मदद के आरोप पर फेसबुक ने कहा है कि उसने हिंसा शारीरिक नुकसान पहुंचाने वाले पोस्टों को हटाना शुरू कर दिया है।
सीएनईटी ने बुधवार देर रात की अपनी रिपोर्ट में कहा कि वर्तमान में, फेसबुक ऐसे कंटेंट को प्रतिबंधित करती है, जो सीधे तौर पर हिंसात्मक होती है, लेकिन अब कंपनी की नई नीति के दायरे में फर्जी खबरों को भी शामिल किया जाएगा, जिसमें शारीरिक नुकसान उठाने की संभावना है।
फेसबुक ने एक बयान में कहा, 'कई तरीकों से गलतफहमी फैलाई जाती है, जिससे शारीरिक नुकसान भी हो सकता है। हम अपनी नीतियों में बदलाव ला रहे हैं, ताकि इस तरह की सामग्रियों को रोका जा सके। हम आनेवाले महीनों में इस नीति को लागू करना शुरू कर देंगे।'
भारत में फेसबुक के स्वामित्व वाले वाट्सएप को भी बड़ी संख्या में अफवाहों और उत्तेजना से भरे गैर-जिम्मेदार संदेशों फैलाने की इजाजत देने के मामले में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे कई मामले सामने आने हैं जब इन संदेशों के कारण मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या) की घटनाएं हुई हैं।
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Source : IANS