चरमपंथी ट्विटर की नई निजी मीडिया नीतियों का उठाते हैं फायदा

चरमपंथी ट्विटर की नई निजी मीडिया नीतियों का उठाते हैं फायदा

चरमपंथी ट्विटर की नई निजी मीडिया नीतियों का उठाते हैं फायदा

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IANS
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Extremit exploit

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

ट्विटर ने चरमपंथी विरोधी शोधकर्ताओं के कई खातों को निलंबित कर दिया है क्योंकि चरमपंथी समूहों ने नई निजी मीडिया नीति का फायदा उठाना शुरू कर दिया है। इसकी जानकारी मीडिया रिपोर्ट ने दी।

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नए नियमों की घोषणा भारतीय मूल के पराग अग्रवाल द्वारा सह-संस्थापक जैक डोर्सी से ट्विटर के सीईओ के रूप में पदभार संभालने के ठीक एक दिन बाद की गई थी।

द वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, चरमपंथी समूहों ने ट्विटर की नई प्रणाली के शुरू होने के तुरंत बाद उसका दुरुपयोग करना शुरू कर दिया।

उन्होंने टेलीग्राम और गैब जैसे प्लेटफार्मों का इस्तेमाल चरमपंथी विरोधी खातों के खिलाफ संगठित करने के लिए किया जो रैलियों में श्वेत वर्चस्ववादियों का पदार्फाश करते हैं और उन पर नजर रखते हैं।

चरमपंथियों ने इन खातों को निलंबित कर दिया और उनकी निजी तस्वीरें हटा दीं।

ट्विटर ने तब से मामले की आंतरिक जांच शुरू की है और आवश्यक सुधार किए हैं।

ट्विटर की नई नीति व्यक्तियों को उन तस्वीरों या वीडियो को हटाने का अनुरोध करने की अनुमति देती है जिनमें वे शामिल हैं। साथ ही यह दूर-दराज कार्यकर्ताओं का लक्ष्य बन गया है, जो नफरत फैलाने वाली रैलियों में ली गई तस्वीरों को हटाना चाहते हैं।

माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने कहा कि निजी मीडिया नीति को मीडिया के दुरुपयोग को रोकने, निजी व्यक्तियों की पहचान को उजागर करन के लिए रखा गया जो महिलाओं, कार्यकर्ताओं, असंतुष्टों और अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को असमान रूप से प्रभावित करता है।

हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह निजी मीडिया नीति को और स्पष्ट करने के लिए कदम उठाने की योजना कैसे बना रहा है।

द पोस्ट के अनुसार, कुछ शोधकर्ताओं को पता चला कि उनके खातों को निजता कानून के मान्यता प्राप्त अधिकार वाले देश के किसी व्यक्ति के मीडिया को पोस्ट करने के खिलाफ प्लेटफॉर्म के नियमों का उल्लंघन करने के लिए निलंबित कर दिया गया था।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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