गूगल पिक्सेल लॉंच पर विशेष: जानिये गूगल सीईओ सुन्दर पिचाई की सात ख़ास बातें
एक दक्षिण एशियाई पिछड़े देश में जन्मे और शुरूआती पढ़ाई किये एक नौजवान का दुनिया के सबसे विकसित देश की सबसे बड़ी कंपनी का सीईओ बनना एक मिसाल नहीं तो और क्या है।
नई दिल्ली:
गूगल ने आख़िरकार अपने 'इन-बिल्ट' खूबियों से लैस स्मार्टफ़ोन गूगल पिक्सेल को मंगलवार को लॉंच कर दिया। गूगल के सीईओ बनने के बाद भारतीय मूल के सुन्दर पिचाई के लिए ये मौक़ा बेहद महत्वपूर्ण था। उम्मीद की जा रही है कि पिचाई की अगुआई में गूगल पिक्सेल स्मार्टफ़ोन की दुनिया में बादशाहत रखने वाले एप्पल के आईफोन और सैमसंग के गैलेक्सी नोट को कड़ी टक्कर देगा। पिचाई तकरीबन 14 महीने पहले गूगल के सीईओ बने और कई बेहतरीन फीचर्स से लैस इस नए प्रोडक्ट को सामने लाने में उनकी भूमिका अहम रही। इस फ़ोन के लॉंच के दौरान पिचाई ने कंप्यूटिंग के समृद्ध इतिहास का ज़िक्र किया और कहा कि आने वाले वक़्त में 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' ही गूगल और कंप्यूटिंग का भविष्य होगा।
अपने करियर के इस मुकाम तक पहुँचने के लिए पिचाई ने कड़ी मेहनत की है। एक दक्षिण एशियाई पिछड़े देश में जन्मे और शुरूआती पढ़ाई किये एक नौजवान का दुनिया के सबसे विकसित देश की सबसे बड़ी कंपनी का सीईओ बनना एक मिसाल नहीं तो और क्या है।
आइये जानते हैं कि सुन्दर पिचाई ने किन पड़ावों से होते हुए इस सफर को किया तय:
1. तमिलनाडु के मदुरै जिले में 12 जुलाई 1972 को जन्मे सुन्दर का असल नाम पिचाई सुन्दरराजन है। उनके पिता रघुनाथ पिचाई जनरल इलेक्ट्रिक्स में इंजीनियर थे और माँ स्टेनोग्राफर थीं।
2. परिवार निम्न मध्यवर्गीय ही था सो पिचाई को बचपन में कभी टीवी देखने या कार में घूम सकने की लक्ज़री कभी नहीं मिली। सुन्दर 12 साल के थे, तभी उनके पिता ने घर में लैंडलाइन फ़ोन लगवाया। सुन्दर एक बार डायल कर चुकने के बाद वो नंबर कभी नहीं भूलते थे।
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3. 12वीं के बाद सुन्दर ने आईआईटी खड़गपुर से मेटालर्जिकल इंजीनियरिंग से ग्रेजुएट हुए। इसके बाद उन्होंने स्टेनफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से मटेरियल साइंस और इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया और एमबीए करने के लिए व्हार्टन स्कूल में दाख़िला ले लिया।
4. 2004 में गूगल में अपनी पारी शुरू करने से पहले पिचाई मैनेजमेंट फर्म मैकिंसी में काम करते थे। गूगल में काम करने के दौरान पिचाई नज़र में तब आये, जब उनके बनाये टूल बार से सर्च में काफी तेजी आई।
5. 2008 में सुन्दर पिचाई प्रोडक्ट डेवलपमेंट के वाईस प्रेजिडेंट बनाये गए। इसके बाद उन्होंने 2009 में गूगल क्रोम, जिसे हम आज भी इस्तेमाल करते हैं, बनाने में अहम भूमिका निभाई।
6. 2012 में पिचाई क्रोम और ऍप्स के सीनियर वाईस प्रेजिडेंट बन चुके थे। अगस्त 2015 में गूगल के तत्कालीन सीईओ लैरी पेज ने घोषणा की कि सुन्दर पिचाई अब गूगल का नेतृत्व करेंगे। इसी दौर में उनका नाम माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ की रेस में भी था। बाद में भारतीय मूल के ही सत्या नडेला इस पद पर काबिज़ हुए।
7. पिचाई संयुंक्त राज्य अमेरिका में सबसे ज़्यादा तनख्वाह पाने वालों में से एक हैं और 2015 में उन्होंने तकरीबन 100 मिलियन डॉलर की कमाई की।
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