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अब भारत से डरेंगे पाकिस्तान-चीन, देश करने जा रहा K-4 मिसाइल का परीक्षण

भारत न्यूक्लियर क्षमता वाली के-4 मिसाइल का परीक्षण इसी रविवार को करने जा रहा है.

Updated on: 29 Nov 2019, 07:53 PM

highlights

  • भारत की युद्ध क्षमता में होगा और भी इजाफा. 
  • जल्द ही भारत करने जा रहा के-4 मिसाइल का परीक्षण. 
  • भारत की K-4 न्यूक्लियर मिसाइल करीब 3500 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है.

नई दिल्‍ली:

भारत (India) ने अपनी युद्ध क्षमता को अब और बढ़ा चुका है. अब भारत की शक्ति के सामने पड़ोसी देशों की हवा निकल जाएगी. भारत ने अब कुछ ऐसा करने जा रहा है जिससे पड़ोसी देश भारत का सामना करने से पहले 100 बार सोचेगा. दरअसल भारत ने रविवार को अब तक की सबसे शक्तिशाली मिसाइल मानी जाने वाली K-4 मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है.

इकॉनमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने जानकारी दी है कि सबमरीन से लॉन्च होने वाली इस मिसाइल K-4 (Missle K4) का परीक्षण होगा. इस परीक्षण की सफलता तकनीक के साथ-साथ मौसम पर भी आधारित होगी.

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत अगर K-4 न्यूक्लियर मिसाइल का सफल परीक्षण कर लेता है तो वह अमेरिका, फ्रांस, चीन, ब्रिटेन और रूस के बाद छठा ऐसा देश होगा जिसके पास वॉटर न्यूक्लियर मिसाइल होगी. भारत की K-4 न्यूक्लियर मिसाइल करीब 3500 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है.

बता दें कि भारत की के-4 मिसाइल अरिहंत क्लास की परमाणु पनडुब्बी में भी उपयोग की जा सकेगी. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) की ओर से तैयार की गई इस मिसाइल को डेवलपमेंट ट्रायल के तौर पर पानी के नीचे पांटून से टेस्ट किया जाएगा.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मिसाइल का परीक्षण नवंबर महीने की शुरूआत में ही किया जाने वाला था लेकिन बुलबुल चक्रवात की वजह से इसे टाल दिया गया था. बता दें के-4 मिसाइल परीक्षण की कोशिश 2017 में भी की गई थी, साथ ही इसके डेवलेपमेंट प्रॉसेस में भी तेजी लाने की बात की गई थी.

बता दें कि भारत एक और न्यूक्लिर सबमरीन INS अरिघात पर काम कर रहा है और सूत्रों के मुताबिक खबर ये भी है कि जल्द ही इस मिसाइल का भी परीक्षण डीआरडीओ कर सकता है. बता दें किदेश की पहली न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन आईएनएस अरिहंत को अगस्त 2016 में नेवी में शामिल किया गया था.

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चाइना पर होगा दबाव
इस मिसाइल के भारतीय सेना में शामिल होने के हिंद महासागर में अपनी पैठ बनाने की कोशिश करने वाले पड़ोसी देश चीन को सबसे ज्यादा परेशानी हो सकती है. इसी के साथ पाकिस्तान भी इस मिसाइल की रेंज से बाहर नहीं होगा. इस मिसाइल के बनने के बाद भारत की पाकिस्तान और चीन पर दबाव जरूर बनेगा.