DRDO ने एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल 'नाग' का किया सफल परीक्षण

भारत में निर्मित तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) 'नाग' का राजस्थान में सफल परीक्षण किया।

भारत में निर्मित तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) 'नाग' का राजस्थान में सफल परीक्षण किया।

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Deepak Kumar
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DRDO ने एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल 'नाग' का किया सफल परीक्षण

नाग मिसाइल

रक्षा विकास अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) ने शुक्रवार को भारत में निर्मित तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) 'नाग' का राजस्थान में सफल परीक्षण किया।

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एक अधिकारिक बयान के अनुसार, 'मिसाइल ने सशस्त्र सेना की इच्छा के अनुसार अलग-अलग दूरी पर रखे गए अपने लक्ष्यों को सफलतापूर्वक भेदा।' 

बयान के अनुसार, "इन दोनों मिसाइल के सफलतापूर्वक परीक्षण और इससे पहले जून में किए गए परीक्षण के बाद एटीजीएम 'नाग' के साथ एनएएमआईसी प्रक्षेपण प्रणाली पूरी तरह स्थापित हो गई। इस प्रकार नाग मिसाइल ने सभी विकास परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया।"

बता दें कि इससे पहले 13 जून को नाग के नए वर्जन प्रोसपीना मिसाइल का टेस्ट जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में हुआ था। उस वक़्त मिसाइल का ज़मीन से 4 किलोमीटर दूर तक सफल वार किया गया था।

इस बार सात किमी तक सफल वार करने वाली नाग मिसाइल का परीक्षण हुआ है। जो भारतीय दृष्टिकोण से पड़ोसी देशों के साथ चल रहे ताज़ा हालात को देखते हुए काफी महत्वपूर्ण है।

मिसाइल की ख़ास बातें

- नाग हल्की वजन की मिसाइल है। इसका वजन 42 किलो तक बताया जाता है।

- मिसाइल की गति 230 मीटर प्रति सेकंड है।

- दस साल तक इस मिलाइल को बिना किसी रखरखाव के इस्तेमाल किया जा सकता है।

- मिसाइल दागे जाने के बाद इसे रोका नहीं जा सकता।

rajasthan DRDO Nag missile
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