डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने मंगलवार को घोषणा की कि कोविड-19 के इलाज के लिए मौखिक एंटी-वायरल दवा मोलफ्लू की कीमत 35 रुपये प्रति कैप्सूल होगी और हर स्ट्रिप में 10 कैप्सूल होंगे।
हैदराबाद स्थित कंपनी ने कहा कि 5 दिनों में 40 कैप्सूल के कुल कोर्स की कीमत 1,400 रुपये होगी।
कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि वह भारतभर में अपने ब्रांड नाम मोलफ्लू के तहत सबसे सस्ती कीमत वाले मोलनुपिरवीर कैप्सूल 200एमजी लॉन्च कर रही है।
मोलफ्लू अगले सप्ताह की शुरुआत से देशभर के फार्मेसियों में उपलब्ध होने की उम्मीद है, जिसमें कोविड-19 के अधिक मामलों वाले राज्यों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
डॉ. रेड्डीज ने इस साल की शुरुआत में भारत और 100 से अधिक निम्न और मध्यम आय वाले देशों (एलएमआईसी) को मोलनुपिरवीर के निर्माण और आपूर्ति के लिए मर्क शार्प डोहमे (एमएसडी) के साथ एक नॉन-एक्सक्लूसिव वोलंटरी लाइसेंसिंग समझौता किया है।
भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग में अपनी तरह का पहला सहयोग देते हुए डॉ. रेड्डीज के नेतृत्व वाली फार्मा कंपनियों के कंसोर्टियम ने भारत में तीसरे चरण के क्लिनिकल टेस्ट को संयुक्त रूप से प्रायोजित किया और विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) को अपने निष्कर्ष सौंपे।
डॉ. रेड्डीज को पिछले हफ्ते ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से आपातकालीन-उपयोग का अधिकार प्राप्त हुआ है। इसके बाद कोविड-19 के वयस्क रोगियों के उपचार के लिए मौखिक एंटी-वायरल दवा मोलनुपिरवीर कैप्सूल 200एमजी का निर्माण और बिक्री की गई। यह कैप्सूल अस्पताल में भर्ती ऐसे गंभीर मरीजों के लिए है, जिन्हें 93 प्रतिशत से अधिक ऑक्सीजन सिचुरेशन की जरूरत है और जिन्हें मौत का उच्च जोखिम है।
प्रवक्ता ने कहा कि मोलफ्लू का निर्माण यूएसएफडीए द्वारा अनुमोदित फैक्ट्री में किया जाएगा। डॉ. रेड्डीज ने यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त क्षमता जुटाई है कि यह दवा जरूरतमंद मरीजों की मदद करने में सक्षम हो।
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Source : IANS