क्या आपका बच्चा भी बनना चाहता है वैज्ञानिक तो जानिए कैसे करें शुरुआत

ऐसे में अगर आप भी अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनने की सोच रहे हैं तो इसके लिए सबसे पहले तो यही जरूरी है कि आपके पास अंतरिक्ष को समझने की इच्छाशक्ति हो और सही शैक्षणिक योग्यता भी हो यानी आपके पास केमिस्ट्री, फिजिक्स, गणित या इंजीनियरिंग में मास्टर्स (एमएससी/ ए

author-image
yogesh bhadauriya
एडिट
New Update
Ed-tech

प्रतीकात्मक तस्वीर( Photo Credit : News Nation)

वर्तमान में अंतरिक्ष विज्ञान के बढ़ते महत्व को देखते हुए बहुत से युवा इसी क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं. ऐसे में अगर आप भी अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनने की सोच रहे हैं तो इसके लिए सबसे पहले तो यही जरूरी है कि आपके पास अंतरिक्ष को समझने की इच्छाशक्ति हो और सही शैक्षणिक योग्यता भी हो यानी आपके पास केमिस्ट्री, फिजिक्स, गणित या इंजीनियरिंग में मास्टर्स (एमएससी/ एमटेक या समकक्ष) की डिग्री हो. इस विज्ञान की हायर स्टडी से इस फील्ड में सफलता मिल सकती है.

Advertisment

यह भी पढ़ें- ISRO के मंगलयान ने ली मंगल के सबसे बड़े चंद्रमा की तस्वीर

ऐसे करें शुरुआत

अगर आप स्पेस विज्ञान में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए 10वीं के बाद से ही तैयारियां आरंभ कर देनी चाहिए. दसवीं के बाद आपको विज्ञान तथा गणित को अपने मुख्य विषयों के रूप में चुनना चाहिए. 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होने के बाद आप किसी अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज या आइआइटीज में एडमिशन लें. वहां आप फिजिक्स, केमिस्ट्री, इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्प्यूटर साइंस, रोबोटिक्स जैसे विषयों को चुन कर आगे बढ़ सकते हैं.

स्कॉलरशिप भी मिलती है

आप एकेडमिक क्वालीफिकेशन तथा परफॉर्मेंस के आधार पर विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए स्कॉलरशिप भी ले सकते हैं. आप हार्वर्ड, कोलम्बिया या एमआइटी जैसे दुनिया के टॉप इंस्टीट्यूशन्स में प्रवेश लेकर आगे की राह खोज सकते हैं.

इसरो, नासा में मिलेगी जॉब

अगर आप भारत में जॉब करना चाहते हैं तो इसरो तथा डीआरडीओ सर्वश्रेष्ठ हैं. यदि देश से बाहर जाने की इच्छा है तो आप नासा, यूरोपियन स्पेस एजेंसी सहित कई अन्य देशों की सरकारी एजेंसियों तथा प्राइवेट कम्पनियां ज्वॉइन कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें- Nasa ने मंगल ग्रह के लिए भेजे जाने वाले अपने अंतरिक्ष यान की लॉचिंग को फिर से टाला

किस ब्रांच का क्या है महत्व

वास्तव में स्पेस विज्ञान इतना जटिल विषय है कि यहां किसी एक विषय में मास्टर होना तब तक बेकार है, जब तक आप अन्य विषयों की भी जानकारी नहीं रखते हैं. एक बॉयोलॉजिस्ट भी स्पेस साइंस में उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि एक अंतरिक्षयात्री. एक जैव विज्ञानी ही यह बता सकता है कि किसी दूसरे ग्रह पर जीवन संभव है या नहीं अथवा वह मानव जाति के लिए कितना अनुकूल रहेगा. इसी प्रकार फिजिक्स, कैमिस्ट्री तथा गणित से जुड़े सभी विषयों का भी बड़ा महत्व है.

अच्छे इंस्टीट्यूट से करें पढ़ाई

इस क्षेत्र में जाने के लिए बीटेक करने के बाद मास्टर्स भी करें. भारत में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स, रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस आदि सेंटर स्पेस साइंस के क्षेत्र में काम करते हैं.

Source : News Nation Bureau

DRDO isro space NASA
      
Advertisment