वैश्विक लॉजिस्टिक्स और वितरण कंपनी डीएचएल, माइक्रोसॉफ्ट और व्हाट्सएप सबसे शीर्ष ब्रांड हैं, जिनकी साइबर अपराधियों द्वारा अक्सर व्यक्तियों की व्यक्तिगत जानकारी या भुगतान क्रेडेंशियल चुराने के प्रयासों में नकल की जाती है। सोमवार को एक नई रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई।
2021 की अक्टूबर-दिसंबर अवधि (चौथी तिमाही) में, वैश्विक लॉजिस्टिक्स और वितरण कंपनी डीएचएल ने माइक्रोसॉफ्ट के लंबे समय से चले आ रहे शासन को समाप्त कर दिया, क्योंकि साइबर अपराधियों द्वारा क्रेडेंशियल चोरी करने या परिष्कृत फिशिंग तकनीकों के माध्यम से मैलवेयर को तैनात करने के प्रयासों में सबसे अधिक बार ब्रांड की नकल की जाती है।
चेक प्वाइंट रिसर्च की ब्रांड फिशिंग रिपोर्ट के अनुसार, सभी ब्रांड फिशिंग प्रयासों में से 23 प्रतिशत डीएचएल से संबंधित थे, जो पिछली तिमाही में केवल 9 प्रतिशत थे।
इस बीच, माइक्रोसॉफ्ट ब्रांड, चौथी तिमाही में सभी फिशिंग प्रयासों का 20 प्रतिशत बनाम तीसरी तिमाही में 29 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार था।
फेडएक्स भी चौथी तिमाही में 2021 में पहली बार शीर्ष 10 की सूची में दिखाई दिया।
रिपोर्ट में कहा गया है, हमारी लेटेस्ट चौथी तिमाही रिपोर्ट ने फिशिंग घोटालों में सोशल मीडिया ब्रांडों की निरंतर नकल को भी मजबूत किया, जिसमें व्हाट्सएप डीएचएल और माइक्रोसॉफ्ट के बाद शीर्ष लक्षित ब्रांडों की वैश्विक सूची में तीसरे स्थान पर है।
मेटा (पूर्व में फेसबुक) के स्वामित्व वाला व्हाट्सएप, दुनिया भर में फिशिंग के सभी प्रयासों के 11 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हुए, छठे स्थान से तीसरे स्थान पर चला गया।
एक ब्रांड फिशिंग हमले में, अपराधी वास्तविक साइट के समान डोमेन नाम या यूआरएल और वेब-पेज डिजाइन का उपयोग करके एक प्रसिद्ध ब्रांड की आधिकारिक वेबसाइट की नकल करने का प्रयास करते हैं।
नकली वेबसाइट का लिंक ईमेल या टेक्स्ट संदेश द्वारा लक्षित व्यक्तियों को भेजा जा सकता है। उपयोगकर्ता को वेब ब्राउजि़ंग के दौरान पुनर्निर्देशित किया जा सकता है, या इसे धोखाधड़ी वाले मोबाइल एप्लिकेशन से ट्रिगर किया जा सकता है।
नकली वेबसाइट में अक्सर यूजर्स की साख, भुगतान विवरण या अन्य व्यक्तिगत जानकारी चुराने का इरादा होता है।
चेक प्वाइंट रिसर्च द्वारा शीर्ष 10 सूची में अन्य ब्रांड गूगल, लिंक्डइन, अमेजन, रोबॉक्स और ऐप्पल हैं।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS