विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि डेल्टा कोविड वैरिएंट संक्रामक वायरस का वर्तमान प्रमुख प्रकार है, जिसकी मौजूदगी 185 देशों में दर्ज की गई है।
वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने मंगलवार को अपने साप्ताहिक महामारी विज्ञान अपडेट में कहा, डेल्टा वैरिएंट में अब नमूना संग्रह तिथि (15 जून -15 सितंबर, 2021 के बीच) के साथ जीसैड यानी जीआईएसएआईडी को प्रस्तुत किए गए अनुक्रमों का 90 प्रतिशत हिस्सा है। जीआईएसएआईडी, जो एवियन इन्फ्लुएंजा डेटा साझा करने पर वैश्विक पहल के लिए है, एक ओपन-एक्सेस डेटाबेस है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन में कोविड-19 पर तकनीकी नेतृत्व प्रभारी मारिया वान केरखोव ने डब्ल्यूएचओ सोशल मीडिया लाइव बातचीत के दौरान कहा, वर्तमान में अल्फा, बीटा और गामा में से प्रत्येक का एक प्रतिशत से भी कम चल रहा है। यह वास्तव में दुनिया भर में डेल्टा ही है।
हाल के दिनों में दुनियाभर में डेल्टा वैरिएंट ने कहर बरपाया है और यह अधिक पारगम्य है और यह अन्य वैरिएंट से एक प्रकार से प्रतिस्पर्धा कर रहा है और अन्य वायरस की जगह ले रहा है।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने एटा (81 देशों में पाया गया), इओटा (कम से कम 49 देशों में पहचाना गया) और कप्पा (57 देशों में फैला) के वर्गीकरण को संशोधित किया है।
स्वास्थ्य निकाय ने कहा, वीओआई एटा (बी.1.525), इओटा (बी.1.526) और कप्पा (बी.1.617.1) को पूर्व वीओआई के रूप में पुनर्वगीर्कृत किया गया है। अब इनका मूल्यांकन निगरानी के तहत वेरिएंट के रूप में किया जाएगा।
यह संशोधन दुनिया के अधिकांश क्षेत्रों में डेल्टा वैरिएंट के तेजी से प्रसार और वर्तमान प्रभुत्व को दिखाता है।
मंगलवार को यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की नई रिपोर्ट के अनुसार, तेजी से फैलने वाले डेल्टा वैरिएंट ने टेक्सास की एक संघीय जेल में गैर टीकाकरण वाले और पूरी तरह से टीकाकरण वाली आबादी दोनों को संक्रमित कर दिया।
एजेंसी की रुग्णता और मृत्यु दर साप्ताहिक रिपोर्ट से पता चला है कि जेल में बंद 233 लोगों में से 185 या 79 प्रतिशत लोगों को कोविड-19 के खिलाफ पूरी तरह से टीका लगाया गया था। जुलाई और अगस्त के बीच, 172 लोग या संघीय जेल की 74 प्रतिशत आबादी कोविड से संक्रमित थी।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS