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दिल्ली में हुआ सिम स्वैप घोटाला! वकील से लूटे 50 लाख रुपये

आरोपी न सिर्फ उसके बैंकिंग विवरण, बल्कि उसके सभी निजी डेटा को हासिल करने में कामयाब रहा है. मामले में दिल्ली पुलिस को सिम स्वैपिंग स्कैम का शक है...

Updated on: 29 Oct 2023, 09:09 PM

नई दिल्ली:

स्कैमर्स ने लूट का नया मामला इजात किया है. दिल्ली के उत्तरी हिस्से में सिम स्वैपिंग के इस्तेमाल से एक वकील को 50 लाख रुपये का चुना लगाया है. दरअसल फोन हैकिंग धोखाधड़ी का शिकार हुए इस वकील को अज्ञात नंबरों से तीन मिस्ड कॉल आए, जिसके बाद उसके बैंक खाते से लाखों रुपये गायब हो गए. मिली जानकारी के मुतिबाक, पीड़ित ने न ही फोन का जवाब दिया था, न ही किसी तरह का कोई ओटीपी साझा किया था. बावजूद इसके आरोपी न सिर्फ उसके बैंकिंग विवरण, बल्कि उसके सभी निजी डेटा को हासिल करने में कामयाब रहा है. मामले में दिल्ली पुलिस को सिम स्वैपिंग स्कैम का शक है...

मिली जानकारी के मुताबिक, बीती 18 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस को 35 साल के पीड़ित वकील ने इसकी इत्तला दी. उसने पुलिस को बैंक खाते से भारी नुकसान के बारे में बताया. हालांकि उस वक्त लूट की रकम का कोई खुलासा नहीं किया गया. 

विशेष फोन नंबर से आए तीन कॉल

मामले में अतिरिक्त जानकारी देते हुए एक पुलिस अधिकारी ने बाताया कि, वकील को कथित तौर पर एक विशेष फोन नंबर से तीन कॉल की गई. हालांकि उसने एक अलग नंबर से कॉल किया तो कॉल करने वाले ने कहा इसे एक कूरियर डिलीवरी कॉल बताई. इसपर वकील ने उसे अपने घर का पता बता दिया, जिसके बाद उसे एक पैकेज भी मिला.

पुलिस के अनुसार, जांच में एक "असामान्य" ब्राउज़र इतिहास का भी पता चला है, जिसमें ऐसी साइटें और लिंक मौजूद हैं, जिनतक पीड़ित द्वारा पहुंच नहीं थी. साथ ही यूपीआई पंजीकरण और फ़िशिंग-संबंधी एसएमएस भी पाए गए, जिनकी पीड़ित को कोई खबर नहीं थी. 

अबतक घोटालेबाज की तलाश जारी

ये स्कैम बस यहीं तक सीमित नहीं था, बल्कि पैसे कटने के बाद वकील को एक और शख्स का कॉल आया, जो खुद को आईएफएसओ अधिकारी बता रहा था. हालांकि वकील इसे लेकर पहले ही सचेत था, लिहाजा उसने उससे कोई भी जानकारी साझा नहीं की. फिलहाल अभी तक पुलिस घोटालेबाजों की पहचान नहीं कर पाई है, साथ ही इस मामले में अभी तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं की गई है. 

क्या है सिम स्वैपिंग घोटाला?

सिम स्वैपिंग, जैसा कि नाम से पता चलता है, घोटालेबाजों को सिम कार्ड प्राप्त करने का एक तरीका है. यह प्रभावी रूप से इंटरनेट पर पहचान की चोरी है. एक बार पहुंच मिल जाने के बाद, वे उपयोगकर्ता के दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे की मांग करते हैं. वे सोशल मीडिया खातों का उपयोग करते हैं, ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग करते हैं.