नक्सल प्रभावित इलाकों में विस्तार से बीएसएनएल का इंटरनेट इस्तेमाल 400 जीबी तक पहुंचा

देश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मौन इंटरनेट क्रांति का संकेत देते हुए सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनल ने बताया कि उस इलाके में रोजाना इंटरनेट का उपयोग 400 गीगाबाइट्स को पार कर गया है।

देश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मौन इंटरनेट क्रांति का संकेत देते हुए सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनल ने बताया कि उस इलाके में रोजाना इंटरनेट का उपयोग 400 गीगाबाइट्स को पार कर गया है।

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kunal kaushal
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नक्सल प्रभावित इलाकों में विस्तार से बीएसएनएल का इंटरनेट इस्तेमाल 400 जीबी तक पहुंचा

प्रतीकात्मक फोटो

देश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मौन इंटरनेट क्रांति का संकेत देते हुए सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनल ने बताया कि उस इलाके में रोजाना इंटरनेट का उपयोग 400 गीगाबाइट्स को पार कर गया है।

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भारत संचार निगम लिमिटेड यानी बीएसएनएल ने उपलब्धि को नक्सल हिंसा प्रभावित क्षेत्र में मजबूत मोबाइल संचार नेटवर्क बनाने की केंद्र सरकार की रणनीति का नतीजा बताया।

टेलीकॉम ऑपरेटर के मुताबिक सरकार की ओर से 2015 में फैसला लिए जाने के महज 18 महीने की कम अवधि में उपकरण निर्माता वीएनएल के साथ मिलकर नेटवर्क तैयार किया गया है।

बीएसएनएल ने एक बयान में कहा, 'यह तारीफ करनेवाली बात है कि हर अगले दिन डाटा का उपयोग बढ़ता जा रहा है।'

बीएसएनएल के मुताबिक प्रचुर डाटा की उपलब्धता का उपयोग कर नक्सल प्रभावित कई राज्यों के विभिन्न जिलों के लोग आसानी से मुख्य धारा में जुड़ रहे हैं और वे सरकारी और वित्तीय सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।

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कंपनी की ओर जारी बयान के मुताबिक बीएसएनएल पर इस परियोजना को अमलीजामा पहनाने का दायित्व सौंपा गया था। कंपनी ने वीएनएल और एचएफसीएल के साथ मिलकर इसे रिकॉर्ड 18 महीने में पूरा किया। दोनों कंपनियों ने 2,000 से ज्यादा सौर ऊर्जा टॉवर स्थापित किया, जो दो साल से सफलतापूर्व काम कर रहे हैं।

बीएसएनएल ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन मोबाइल नेटवर्क बताया, जिसके जरिये 20,000 से ज्यादा गांवों में वॉइस और डाटा की सेवाएं प्रदान की जा रही है।

गौरतलब है कि देश की एक बड़ी पट्टी नक्सली हिंसा से प्रभावित क्षेत्र में आती है, जो ठीक से सड़क मार्ग से भी नहीं जुड़ी हुई है। इस पट्टी में छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, ओडिसा, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के क्षेत्र शामिल हैं।

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Source : IANS

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