चीन के निशाने पर दूरसंचार, 6 माह में होंगे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की मंजूरी के साथ अगले छह महीनों के अंदर इसके सिरे चढ़ने की उम्मीद है. यह कदम विशेष तौर पर चीन की ओर से संभावित साइबर हमलों और डेटा चोरी से निपटने के लिए उठाया जा रहा है.
नई दिल्ली :
साइबर हमलों और डेटा चोरी से निपटने के लिए भारत सरकार दूरसंचार क्षेत्र में नए सुरक्षा निर्देशों को लागू करने के लिए दृढ़ संकल्पित है. सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की मंजूरी के साथ अगले छह महीनों के अंदर इसके सिरे चढ़ने की उम्मीद है. यह कदम विशेष तौर पर चीन की ओर से संभावित साइबर हमलों और डेटा चोरी से निपटने के लिए उठाया जा रहा है.
इस तरह के निर्देश की जरूरत को रेखांकित करते हुए, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) की एक गोपनीय रिपोर्ट कहती है कि भारत साइबर हमलों का सामना करने वाले दुनिया के शीर्ष तीन देशों में शामिल है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पिछले साल भारत में साइबर क्राइम के कारण 1.24 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. एनएससीएस रिपोर्ट की आईएएनएस ने समीक्षा की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ये साइबर हमले आमतौर पर दूरसंचार नेटवर्क के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर घटकों के माध्यम से किए जाते हैं. इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरणों के बढ़ते उपयोग के साथ, यह जोखिम और भी कई गुना बढ़ जाता है.
इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 5जी प्रौद्योगिकियों के आगमन से दूरसंचार नेटवर्क के परिणामस्वरूप, सुरक्षा चिंताओं में और भी वृद्धि होगी. इसके अलावा इसमें कहा गया है कि मैलवेयर इंफेक्शन के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों सहित आपूर्ति श्रृंखला की शुद्धता (इंटेग्रिटी) बनाए रखने की तत्काल आवश्यकता है. हाल के वर्षों में चीनी एजेंटों सहित सीमा पार के हैकर्स ने भारत के वित्तीय कार्यों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से बैंकिंग और वित्त सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों को लक्षित किया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि दूरसंचार, देश के सभी क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे जैसे बिजली, बैंकिंग, वित्त, परिवहन, शासन और रणनीतिक क्षेत्र के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा है. इसके साथ ही आशंका जताई गई है कि सुरक्षा उल्लंघनों के परिणामस्वरूप गोपनीयता का उल्लंघन या बुनियादी ढांचे में व्यवधान के विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं. इसलिए, नए निर्देशों या सर्कुलर की आवश्यकता है, क्योंकि दूरसंचार राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में कार्य करता है.
एनएससीएस ने दूरसंचार प्रौद्योगिकी के प्रमुख विशेषज्ञों और संबंधित मंत्रालयों के नोडल अधिकारियों को गुरुवार को आमंत्रित किया और दूरसंचार क्षेत्र पर राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश को लागू करने के लिए रणनीति तैयार करने के लिए घंटों तक विचार मंथन किया. जासूसी, सुरक्षा उल्लंघनों और साइबर हमलों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने दूरसंचार क्षेत्र के लिए ऐसे निर्देशों को मंजूरी दी थी. एक अधिकारी ने घटनाक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा, "एक उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तहत जल्द ही एक समिति का गठन किया जाएगा और हमें उम्मीद है कि निर्देश अगले 180 दिनों के भीतर लागू हो जाएंगे."
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