दो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजकर अपने इस मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान के साथ चीन अपना स्थायी अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने लक्ष्य के करीब पहुंच गया। चीन 2022 तक चीन अपना स्थायी अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करना चाहता है। यह यान बाद में पृथ्वी की परिक्रमा कर रही चीन की दूसरी अंतरिक्ष प्रयोगशाला में मिलेगा।
चीन के स्थानीय समय के अनुसार साढ़े सात बजे ‘शेनझोउ-11’ अंतरिक्ष यान में सवार अंतरिक्ष यात्रियों जिंग हाइपेंग (50) और चेन दोंग (37) ने चीन में गोबी रेगिस्तान के पास जियुक्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी।
चीन के मानवयुक्त अंतरिक्ष इंजीनियरिंग कार्यालय की उपनिदेशक वू पिंग ने बताया कि यह दो दिन में पृथ्वी की परिक्रमा कर रही थियानगोंग-2 अंतरिक्ष प्रयोगशाला से मिल जायेगा और दोनों अंतरिक्ष यात्री 30 दिन तक वहां रहेंगे।
रवाना होने से कुछ घंटों पहले दोनों अंतरिक्ष यात्री खुश दिखे। इस मिशन के कमांडर जिंग ने रविवार को मीडिया से कहा, ‘हालांकि यह काम मुश्किल, जोखिम भरा और खतरनाक है, लेकिन मैं यही करना चाहता हूं।’ जिंग की अंतरिक्ष में यह तीसरी उड़ान है। इससे पहले उन्होंने सितंबर 2008 में शेनझोउ-7 और मार्च 2012 में शेनझोउ-9 अभियान में हिस्सा लिया था।
जिंग ने कहा, ‘इस अभियान के लिए हमने आपात स्थितियों से निपटने, प्राथमिक चिकित्सा और अंतरिक्ष प्रयोगशालाओं के संबंध में अपनी क्षमताओं में सुधार किया है।’
चेन ने कहा, ‘मैं अंतरिक्ष में बिताए जाने वाले हर पल को स्मृतियों में संजो कर रखूंगा और यह सुनिश्चित करुंगा कि मैं अपना अनुभव डायरी में लिख सकूं और इस दुनिया के बाहर के दृश्य का आनंद ले सकूं।’
चीन ने अपना पहला मानवयुक्त अभियान 2003 में शुरू किया था। वह अमेरिका और यूरोप की बराबरी करने की मुहिम के तहत अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए भारी राशि खर्च करता है।
चीन का कहना है कि उसका अंतरिक्ष कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्य के लिए है, लेकिन अपने असैन्य मकसदों के अलावा उपग्रह रोधी मिसाइल का भी परीक्षण किया है।
Source : News Nation Bureau