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चंद्रयान 2 की सफलता के बाद चंद्रयान 3 प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी, ISRO Chief ने कहा-अगली बार...

इसी के साथ के. सिवन ने ये भी जानकारी दी है कि एक नया प्रक्षेपण केंद्र जो कि तमिलनाडू के तूतूकुड़ी में बनाया जाना है, इसके लिए भी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

Updated on: 01 Jan 2020, 12:39 PM

highlights

  • चंद्रयान 2 की सफलता के बाद अब इसरो ने फिर चांद की ओर एक और कदम बढ़ाने का फैसला लिया है. 
  • इसरो चीफ ने कहा कि चंद्रयान 2 हमारे लिए अच्छा रहा है और हमने इसके पर अच्छा विकास किया है.
  • इसी के साथ के. सिवन ने ये भी जानकारी दी है कि एक नया प्रक्षेपण केंद्र जो कि तमिलनाडू के तूतूकुड़ी में बनाया जाना है.

नई दिल्ली:

चंद्रयान 2 की सफलता के बाद अब इसरो ने फिर चांद की ओर एक और कदम बढ़ाने का फैसला लिया है. इसरो चीफ इसरो चीफ (Indian Space Research Organisation) K Sivan ने जानकारी दी है कि चंद्रयान 2 की सफलता को देखते हुए भारत सरकार ने चंद्रयान 3 प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है. इसरो चीफ ने ये भी बताया कि ये प्रोजेक्ट पहले से ही चल रहा है. प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी कि इस अभियान पर चंद्रयान-2 से भी कम लागत आएगी.

इसी के साथ के. सिवन ने ये भी जानकारी दी है कि एक नया प्रक्षेपण केंद्र जो कि तमिलनाडू के तूतूकुड़ी में बनाया जाना है, इसके लिए भी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

इसरो चीफ ने जानकारी दी कि चंद्रयान 2 हमारे लिए अच्छा रहा है और हमने इसके पर अच्छा विकास किया है हालांकि हम लांच सफलतापूर्वक लांच नहीं कर पाएं फिर भी चंद्रयान 2 को असफल नहीं कहा जा सकता है. चंद्रयान 2 का आर्बिटर अभी भी काम कर रहा है और अगले 7 साल तक चंद्रयान 2 का आर्बिटर डेटा भेजता रहेगा.

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इस अभियान पर चंद्रयान-2 से भी कम लागत आएगी. प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी. इस दौरान उन्‍होंने कहा, चंद्रयान-2 को निराशाजनक करार देना गलत होगा. यह चंद्रमा के सतह पर उतरने की भारत की पहली कोशिश थी और कोई देश पहली कोशिश में ऐसा नहीं कर सका. अमेरिका ने भी कई कोशिशें की थीं. उन्‍होंने कहा, ‘हां, लैंडर एवं रोवर मिशन के 2020 में होने की बहुत संभावना है.

हालांकि, जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि चंद्रयान-2 मिशन को नाकाम नहीं कहा जा सकता क्योंकि हमने इससे काफी कुछ सीखा है.' उन्होंने यह भी कहा कि चंद्रयान-2 से मिले अनुभव और उपलब्ध बुनियादी ढांचा चंद्रयान-3 की लागत को घटाएगा. हालांकि, उन्होंने तीसरे चंद्रयान अभियान के प्रक्षेपण का महीना बताने से इनकार कर दिया. बता दें कि इसरो चंद्रयान और चंद्रयान-2 मिशन पर काम कर चुका है.

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चंद्रयान में सिर्फ एक ऑर्बिटर चांद तक भेजा गया था, वहीं चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर के साथ लैंडर और रोवर भी भेजे गए थे. इसरो का मिशन लैंडर को चांद की सतह पर लैंड कराना था लेकिन क्रैश लैंडिंग के कारण उस मिशन का यह हिस्सा सफल नहीं हो सका था. हालांकि, ऑर्बिटर चांद की कक्षा में चक्कर काट रहा है और अपना काम सही से कर रहा है.