भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मंगलवार को दोपहर 3. 04 बजे चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) की परिक्रमा-पथ (ऑर्बिट) को पांचवीं बार सफलतापूर्वक बढ़ाया. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) की ऑर्बिट को 276 गुना142, 975 किलोमिटर बढ़ाया गया, इसके लिए स्पेसक्राफ्ट के ऑनबोर्ड मोर्ट्स को 1,041 सेकेंड के लिए चालू किया गया.
स्पेसक्राफ्ट के सभी पैरामीटर ठीक प्रकार से काम कर रहे हैं. अब इसका अगला पड़ाव ट्रांस लूनर इन्सर्शन (टीएलआई) है, जिसके लिए इसका कार्यक्रम 14 अगस्त, 2019 की सुबह 3 से 4 का वक्त तय किया गया है.
भारत के भारी लिफ्ट रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क तीन (जीएसएलवी एमके3) की मदद से 22 जुलाई को चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) को 170 गुना45, 475 की कक्षा में स्थापित किया गया था.
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स्पेसक्राफ्ट में तीन सेगमेंट है- ऑर्बिटर (वजन 2,379 किलोग्राम, आठ पे लॉड्स), लैंडर विक्रम (1,471 किलोग्राम, चार पे लॉड्स) और एक रॉवर प्रज्ञान (27 किलोग्राम, दो पे लॉड्स).
इससे पहले 2 अगस्त को चंद्रयान-2 कक्षा में सफलतापूर्वक चौथी बार बदलाव किया गया था. 6 अगस्त को अंतिम बार पृथ्वी के चारों तरफ चंद्रयान-2 के ऑर्बिट को बदला जाएगा. इसरो (ISRO) ने बताया कि 2 अगस्त को दोपहर 2 बजे से 3 बजे के बीच चंद्रयान-2 की कक्षा में सफलतापूर्वक चौथी बार बदलाव किया. अब इसकी पेरिजी 277 किमी और एपोजी 89,472 किमी कर दी गई है.
इससे पहले 29 जुलाई को चंद्रयान-2 धरती के तीसरे कक्ष में दोपहर 3 बजकर 12 मिनट पर सफलतापूर्वक पहुंचा दिया गया था. कक्षा में परिवर्तन के लिए चंद्रयान में मौजूद प्रोपेलिंग सिस्टम का 989 सेकेंड तक इस्तेमाल किया गया.
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बता दें कि 22 जुलाई को इसरो ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर भेजने के लिए चंद्रयान-2 को लॉन्च किया था. चंद्रयान-2 की यात्रा 48 दिन की है. 48वें दिन चंद्रयान-2 चंद्रमा पर उतरेगा.
Source : IANS