चंद्रमा के दाग का राज चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के ऑर्बिटर (Orbiter) ने खोल दिया है. ऑर्बिटर (Orbiter) ने जो चांद की जो नईं तस्वीरें भेजी हैं उससे यह खुलासा हुआ है कि चांद पर दाग क्यों है? ऑर्बिटर (Orbiter) में लगे दोहरी तीव्रता वाले सिंथेटिक अपर्चर रडार (एसएआर) ने जो तस्वीरें भेजीं हैं उसके अध्ययन से पता चलता है कि चांद की सतह पर लगातार उल्का पिंडों, क्षुद्र ग्रहों और धूमकेतुओं की जबरदस्त बमबारी हुई. इसी के चलते चांद की सतह पर अनगिनत संख्या में विशाल गड्ढे बन गए.
इसरो के मुताबिक चांद पर गोलाकार और विशाल कटोरे गड्ढे क्षुद्र ग्रहों, उल्का पिंडों और धूमकेतुओं की बमबारी की वजह से बने हैं. चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के रडार ने यह भी जानकारी जुटाई है कि ज्वालामुखी वाले गड्ढों बनने की वजह चांद में अंदरूनी टकराव और विस्फोट हैं.
यह भी पढ़ेंःनासा की महिला अंतरिक्ष यात्रियों ने रचा इतिहास, किया ये बड़ा कारनामा
चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के रडार ने यह भी अध्ययन किया है कि चांद की सतह के इन ज्वालामुखी वाले गड्ढों की प्रकृति, आकार, वितरण और उसके बनने में किन तत्वों की अहम भूमिका है. चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के कैमरों ने गड्ढों की भौतिक बनावट की तस्वीरें भी लेने में कामयाबी पाई है.
यह भी पढ़ेंःChandrayaan2: ISRO ने जारी की चांद की सतह की पहली तस्वीर, IIRS ने ली फोटो
बता दें इससे पहले इसरो द्वारा भेजे गए चंद्रयान-1 और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चांद की सतह पर गड्ढों की बनावट के बारे में जो जानकारी भेजी थी, वह पर्याप्त नहीं थी. अब चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के रडार ने विस्तार से जानकारी दी है.
यह भी पढ़ेंःनासा की ओर से इस सप्ताह अंतरिक्ष में भेजी जाएंगी महिलाएं, वहां करेंगी ये जरूरी काम
चांद के दक्षिणी ध्रुव की एल बैंड कैमरे से ली गई तस्वीर में कुछ यूं उल्का पिंडों, क्षुद्र गहों, धूमकेतुओं की बमबारी से बने गड्ढों को लाल रंग से दर्शाया गया है. इस तस्वीर के मुताबिक चांद की सतह पर नियमित अंतराल पर विशालकाय पिंडों की बौछारें पड़ीं.
#ISRO#Chandrayaan2’s DF-SAR is designed to produce greater details about the morphology and ejecta materials of impact craters on the lunar surface. Have a look of initial images and observations made by DF-SAR
For more details please visit: https://t.co/1j7SBcXIpl pic.twitter.com/SEHukoYJMV
— ISRO (@isro) October 22, 2019
नीले रंग से घेरे यह दर्शाया गया है कि सतह पर रुक-रुककर पिंडों की बारिश हुई. वहीं, हरे रंग से यह दर्शाया गया है कि व्यापक मात्रा में पिंडों की बमबारी हुई.
दूसरी तस्वीर में दक्षिणी ध्रुवों पर चांद की सतह पर बने गड्ढे से हर ओर पिंडों की बौछारों के निशान हैं. गड्ढों की दीवारें आकर्षक रूप में नजर आ रही हैं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो