नई दिल्ली:
भारत एकबार फिर इतिहास रच दिया है. आज यानी 22 जुलाई को दोपहर 2.43 बजे देश के सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट GSLV-MK3 से लॉन्च हो गया. भारत के चंद्रयान-2 को ले जाने वाले जियोसिंक्रोनाइज सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल - मार्क तृतीय (जीएसएलवी - एमके तृतीय) को यहां स्थित प्रक्षेपण स्थल से सोमवार को नियत समय अपराह्न 2.43 बजे सफल प्रक्षेपण हो गया. चंद्रयान-2 के साथ जीएसएलवी-एमके तृतीय को पहले 15 जुलाई को तड़के 2.51 बजे प्रक्षेपित किया जाना था. हालांकि प्रक्षेपण से एक घंटा पहले एक तकनीकी खामी के पाए जाने के बाद प्रक्षेपक्ष स्थगित कर दिया गया था.
इसरो ने बाद में 44 मीटर लंबे और लगभग 640 टन वजनी जियोसिंक्रोनाइज सैटेलाइट लांच व्हीकल - मार्क तृतीय (जीएसएलवी - एमके तृतीय) की खामी को दूर कर दिया. जीएसएलवी - मार्क तृतीय का उपनाम बाहुबली फिल्म के इसी नाम के सुपर हीरो के नाम पर बाहुबली रखा गया है.
आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा रेंज (SHAR) से चंद्रयान -2 के सफल प्रक्षेपण पर टीम इसरो को हार्दिक बधाई। मैं अपनी शुभकामनाएं देता हूं
Heartiest congratulations to Team ISRO on the successful launch of Chandrayaan-2 from the Sriharikota Range(SHAR), in Andhra Pradesh today. I convey my best wishes for the successful culmination of the mission@isro #GSLVMkIII#Chandrayaan2#ISRO#ISROMissions pic.twitter.com/7RazbsqiAT
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) July 22, 2019
अब चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने के लिए चंद्रयान-2 की 48 दिन की यात्रा शुरू हो गई है. करीब 16.23 मिनट बाद चंद्रयान-2 पृथ्वी से करीब 182 किमी की ऊंचाई पर जीएसएलवी-एमके3 रॉकेट से अलग होकर पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाना शुरू करेगा.
Congratulations on #Chandrayaan2. Compliments to the entire team @isro.
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) July 22, 2019
#GSLVMkIII-M1 successfully injects #Chandrayaan2🚀 spacecraft into Earth Orbit#GSLVMkIII #IndiaMoonMission #MoonMission2 #ISRO pic.twitter.com/phG6JCU5Tn
— PIB India (@PIB_India) July 22, 2019
चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग के बाद वैज्ञानिकों ने तालियां बजाकर मिशन का स्वागत किया. ISRO के चेयरमैन के. सिवन ने स्पेस सेंटर से ही इस बात का ऐलान किया.
Launch of Chandrayaan 2 by GSLV MkIII-M1 Vehicle https://t.co/P93BGn4wvT
— ISRO (@isro) July 22, 2019
ISRO की तरफ से कहा गया है कि चंद्रयान-2 अभी शुरुआती दौर में हैं. अभी रॉकेट की गति बिल्कुल सामान्य है. यानी अभी ये यान इसरो की प्लानिंग के हिसाब से ही चल रहा है.
Launch of Chandrayaan 2 by GSLV MkIII-M1 Vehicle https://t.co/P93BGn4wvT
— ISRO (@isro) July 22, 2019
Launch of Chandrayaan 2 by GSLV MkIII-M1 Vehicle https://t.co/P93BGn4wvT
— ISRO (@isro) July 22, 2019
सोमवार दोपहर को चंद्रयान-2 ले जाने वाले भारत के रॉकेट जियोसिंक्रोनिक सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल- मार्क तृतीय (जीएसएलवी -एमके तृतीय) का प्रक्षेपण देखने के लिए 7,500 लोगों ने इसरो में ऑनलाइन पंजीकरण कराया है. लॉन्च देखने के लिए विभिन्न स्थानों के लोगों ने पंजीकरण कराया है.
इसरो (ISRO) चंद्रयान-2 को चांद के सउथ पोल पर उतारेगा. फिलहाल चंद्रमा के इस भाग पर कोई भी देश नहीं उतर पाया है. इसका मतलब चंद्रयान-2 अगर साउथ पोल पर उतरने में कामयाब होता है तो भारत पहला देश बन जाएगा. इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 चांद के भौगोलिक वातावरण, खनिजों, तत्वों, उसके वायुमंडल के बाहरी परत और पानी के बारे में जानकारी इकट्ठा करेगा. पढ़ें पूरी खबर..
टोने टोटके के लिए यूं तो भारत बदनाम है पर अमेरिका और रूस के लोग भी कम नहीं हैं. टोटकों को मानने वाले ये सामान्य लोग नहीं बल्कि NASA और रूस के वैज्ञानिक हैं. जब इतने बड़े-बड़े देशों के वैज्ञानिक ऐसा कर सकते हैं तो भारतीय इसमें क्यों पीछे रहते. हमारे ISRO के वैज्ञानिक भी मिशन की सफलता के लिए टोटकों का सहारा लेते हैं.इन टोटकों से अपना मिशन Chandrayaan2 भी अछूता नहीं है. पढ़ें पूरी खबर..
जैसे ही हमारी यात्रा शुरू होती है, क्या आप जानते हैं कि पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी कितनी है? औसत दूरी 3, 84, 000 किमी है, विक्रम लैंडर मिशन के 48 वें दिन चंद्रमा पर उतरेगा, जो आज शुरू होता है।
#ISRO #Chandrayaan2
As our journey begins, do you know what is the distance of Moon from Earth? The average distance is 3, 84, 000 km, Vikram lander will land on Moon on the 48th day of the mission, which begins today.
Here's different view of #GSLVMkIII-M1 pic.twitter.com/4LFEmT2xxZ
— ISRO (@isro) July 22, 2019
आज से ठीक 31 साल पहले ISRO के INSAT-1C की लॉन्चिंग 22 जुलाई 1988 को की गई थी. इनसैट-1सी को कोराऊ स्थित यूरोपियन लॉन्च पैड से एरियन-3 रॉकेट के जरिए छोड़ा गया, लेकिन मिशन पूरी तरह सफल नहीं हो पाया.
Few hours to lift off🚀
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