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चांद की तीसरी कक्षा में पहुंचा चंद्रयान- 2, Mission Moon में बाकी सिर्फ 11 दिन

2 दिनों तक इसी कक्षा में चक्कर लगाने के बाद चंद्रयान- 2, 30 अगस्त को चौथी और 1 सितंबर को पांचवी कक्षा में प्रवेश करेगा.

Updated on: 28 Aug 2019, 11:58 AM

नई दिल्ली:

मिशन मून पर रवाना हुआ चंद्रयान 2 अपने लक्ष्य से बस कुछ ही कदम दूर है. चंद्रयान 2 आज यानी 28 अग्सत को चांद की तीसरी कक्षा में प्रवेश कर चुका है. इसके बाद चंद्रयान 2 चांद के चारो तरफ 179 किमी की एपोजी और 1412 किमी की पेरीजी में चक्कर लगाएगा. 2 दिनों तक इसी कक्षा में चक्कर लगाने के बाद चंद्रयान- 2, 30 अगस्त को चौथी और 1 सितंबर को पांचवी कक्षा में प्रवेश करेगा.

इसी के साथ अब चंद्रयान 2 के मिशन मून को बस 11 दिन बाकी रह गए हैं. दरअसल इसरो वैज्ञानिक विक्रम लैंडर को 4 सितंबर को चांद के सबसे नजदीकी कक्षा में पहुंचाया जाएगा. इसके बाद तीन दिनों तक विक्रम लैंडर इसी कक्षा में चांद के चक्कर लगाता रहेगा. इसके बाद 6 और 7 सितंबर की बीच की रात 1.40 बजे विक्रम लैंडर चांद पर उतरना शुरू करेगा जो इसरो वैज्ञानिकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होगा.

7 सितंबर को चंद्रयान-2 चांद की सतह पर पहले से निर्धारित जगह (दक्षिणी ध्रुव) पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद ऑर्बिटर एक साल तक काम करेगा. इसका मुख्य उद्देश्य पृथ्वी और लैंडर के बीच कम्युनिकेशन करना है. ऑर्बिटर चांद की सतह का नक्शा तैयार करेगा, ताकि चांद के अस्तित्व और विकास का पता लगाया जा सके. वहीं, लैंडर और रोवर चांद पर एक दिन (पृथ्वी के 14 दिन के बराबर) काम करेंगे. लैंडर यह जांचेगा कि चांद पर भूकंप आते हैं या नहीं, जबकि रोवर चांद की सतह पर खनिज तत्वों की मौजूदगी का पता लगाएगा.

चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद भारत के नाम दर्ज होगाय नया रिकॉर्ड

चंद्रयान 2 के चांद की सतह पर उतरने के साथ ही भारत के नाम एक नया रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा.  अगर चंद्रयान 2 की सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया सफल होती है तो भारत चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा. इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन के लैंडर भी चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करवा चुके हैं. बता दें, चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को धरती पर से अंतरिक्ष में रवाना किया गया था. इसका प्रक्षेपन देश के भारी वजन उठानेवाले रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच वेहिकल - मार्क 3 (जीएसएलवी एमके 3) से किया गया था.