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ऐसी दिखती है चांद की खड्ड युक्त सतह, चंद्रयान-2 ने भेजी सतह की पहली तस्वीर

इसरो की ओर से जारी चंद्रमा की सतह की इन पहली तस्वीरों में चांद में कई खड्ड दिखाई पड़ रहे हैं. चंद्रयान-2 ने यह तस्वीरें चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाते हुए खींची हैं.

Updated on: 26 Aug 2019, 08:20 PM

highlights

  • चंद्रयान 2 द्वारा चांद की सतह की ली गई फोटो में दिख रहे कई खड्ड.
  • चंद्रयान 2 ने 4375 किमी की ऊंचाई से ली है चांद की सतह की फोटो.
  • 7 सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा चंद्रयान-2.

नई दिल्ली.:

चंद्रयान-2 ने चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद चंद्रमा की सतह की पहली फोटो रिलीज की है. इसरो की ओर से जारी चंद्रमा की सतह की इन पहली तस्वीरों में चांद में कई खड्ड दिखाई पड़ रहे हैं. चंद्रयान-2 ने यह तस्वीरें चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाते हुए खींची हैं. गौरतलब है कि चंद्रयान-2 मंगलवार सुबह 9.02 बजे चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था और इसरो के अनुमान के तहत 7 सितंबर को चांद की सतह पर लैंड करेगा.

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4375 किमी की ऊंचाई से ली फोटो
चंद्रयान-2 के मैपिंग कैमरे-2 से चांद की सतह की ली गई फोटो में जैक्सन, मैक, कोर्लोव और मित्रा खड्ड दिखाई पड़ रहे हैं. चंद्रयान-2 के कैमरे ने यह फोटो 4375 किमी की ऊंचाई से ली हैं. गौरतलब है कि चांद की सतह में मित्रा खड्ड का नाम प्रोफेसर शिशिर कुमार मित्रा के नाम पर रखा गया है. चंद्रयान-2 ने चांद की सतह की फोटो 23 अगस्त को ली है. भारत की ओर चांद के लिए भेजा गया चंद्रयान-2 मिशन चांद के उस हिस्से पर उतरने वाला है, जहां पर लैंडिंग अभी तक किसी ने की है.

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7 सितंबर को उतरेगा चांद के दक्षिणी ध्रुव पर
23 दिन पृथ्वी के चक्कर लगाने के बाद चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने में इसे 6 दिन लगे. 7 सितंबर को चंद्रयान-2 चांद की सतह पर पहले से निर्धारित जगह (दक्षिणी ध्रुव) पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद ऑर्बिटर एक साल तक काम करेगा. इसका मुख्य उद्देश्य पृथ्वी और लैंडर के बीच कम्युनिकेशन करना है. ऑर्बिटर चांद की सतह का नक्शा तैयार करेगा, ताकि चांद के अस्तित्व और विकास का पता लगाया जा सके. वहीं, लैंडर और रोवर चांद पर एक दिन (पृथ्वी के 14 दिन के बराबर) काम करेंगे. लैंडर यह जांचेगा कि चांद पर भूकंप आते हैं या नहीं, जबकि रोवर चांद की सतह पर खनिज तत्वों की मौजूदगी का पता लगाएगा.