चंद्रयान-2 (फाइल फोटो)
इसरो के आगामी चंद्र मिशन 'चंद्रयान-2' की कुल लागत लगभग 800 करोड़ रुपये है। इसमें लांच करने की लागत 200 करोड़ रुपये तथा सैटेलाइट की लागत 600 करोड़ रुपये शामिल है। यह लागत 1500 करोड़ की आधी है, जो विदेशी धरती से इस मिशन को लांच करने पर आती।
इसे इस वर्ष अक्टूबर-नवंबर के दौरान श्रीहरिकोटा से लांच किए जाने की संभावना है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉक्टर के. सिवन ने बुधवार को यहां केन्द्रीय परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से भेंट की। बैठक के दौरान डॉक्टर के. सिवन ने उन्हें आगामी चंद्र मिशन 'चंद्रयान-2' के बारे में जानकारी दी।
चंद्रयान-2 एक लैंड रोवर और जांच (प्रोव) से सुसज्जित होगा, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। यहां मिट्टी, पानी के नमूने एकत्र किए जाएंगे और इसके विस्तृत विश्लेषण और अनुसंधान के लिए वापस लाएंगे। इस अर्थ में यह अपनी तरह का पहला चन्द्रमा मिशन होगा।
जितेन्द्र सिंह ने कम लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन की सराहना की। उन्होंने इसकी विशेषज्ञता, निर्माण और उपयोग की गई सामग्री के पूरी तरह स्वदेशी होने के लिए भी सराहना की।
इस साल जून-जुलाई के लिए निर्धारित एक अन्य इसरो मिशन, जीएसएलवी एमके तृतीय-डी 2 पर भी चर्चा हुई।
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Source : IANS