New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2018/08/07/whatsappppp-79_5-15_5-53.jpg)
वाट्सएप (फाइल फोटो)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
वाट्सएप (फाइल फोटो)
फर्जी खबरों को रोकने और व्यवस्था कायम रखने के लिए सरकार को मोबाइल एप्लिकेशंस को प्रतिबंधित करने के बजाए अधिक प्रभावी कदमों पर विचार करना चाहिए, क्योंकि मोबाइल एप को रोकना न सिर्फ बेहद कठिन है, बल्कि इससे निर्दोष लोगों के नियमित कार्य में भी बाधा आएगी।
सीओएआई ने मंगलवार को यह बात कही। सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक राजन एस. मैथ्यूज का यह बयान दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा दूरसंचार कंपनियों को यह निर्देश देने के बाद आया है कि वे फेसबुक, वाट्स एप, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम जैसे सोशल नेटवर्क समेत अन्य को राष्ट्रीय सुरक्षा या व्यवस्था संबंधी खतरे की स्थिति में ब्लॉक करने का तरीका ढूंढ़े।
मैथ्यूज ने संवाददाताओं से कहा, 'हमारा मानना है कि एप्लिकेशन के स्तर पर प्रतिबंधित करना अगर असंभव नहीं है तो भी यह बहुत-बहुत अधिक मुश्किल है। इसलिए हमें मुद्दे से निपटने के लिए अधिक प्रभावी तरीके की खोज करनी चाहिए।'
उनका मानना था कि सोशल मीडिया एप्लिकेशन को अवरुद्ध करने से वे लोग भी प्रभावित होंगे, जिनका कोई गलत इरादा नहीं है।
मैथ्यूज ने कहा कि सीओएआई ने डीओटी को बता दिया है कि कुछेक एप्स को अवरुद्ध करने से 'गंभीर क्षति' हो सकती है, क्योंकि लोग 'बैंकिंग सेवाओं, ट्रेन और एयरलाइन टिकटों' के लिए ऐसे एप्स पर भरोसा करते हैं।
और पढ़ेंः फेसबुक आपत्तिजनक पोस्ट के लिए 7500 समीक्षक तैयार कर रही
हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षा चिंताओं के लिए सरकार ऑपरेटरों को एप्स को अवरुद्ध करने के लिए कहती है, तो उन्हें राष्ट्रीय हितों के कारण नियमों का पालन करना होगा।
Source : IANS