दंगा रोकने के लिए बनाया बुलडोजर रोबोगन (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस विशेष)
दंगा रोकने के लिए बनाया बुलडोजर रोबोगन (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस विशेष)
मेरठ:
उत्तर प्रदेश के एमआईइटी इंजीनियरिंग कालेज के वैज्ञानिक श्याम चैरासिया ने बुलडोजर रोबो गन विकसित किया है, जिसे सुरक्षा बल अपनी जान को जोखिम में डाले बगैर उपद्रवकारियों और दंगाइयों को नियंत्रित करने में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह उपद्रवियों पर गोलियां चलाने में सक्षम है।पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के रहने वाले युवा वैज्ञानिक श्याम चौरासिया ने एक बुलडोजर रोबोगन तैयार किया है। अभी इसका प्रोटोटाइप तैयार किया गया है, जिसकी क्षमता बढ़ाने पर काम किया जाना है। इसे तैयार करने वाले वैज्ञानिक श्याम चैरासिया ने बताया कि अक्सर देखने को मिलता है कि दंगा होने पर सरकारी संपत्तियों और आम जन की काफी हानि होती है, ऐसी स्थितियों पर काबू पाने के लिए यह बुलडोजर रोबो गन का निर्माण किया गया है।
उन्होंने बताया कि इसे बनाने में प्लास्टिक और स्टील का इस्तेमाल किया गया है, इसमें 9 एमएम की एक गन लगाई गई है, जिसमें मिर्ची की द्रव्य वाली गोलियों को डाला जाएगा। इसके अलावा, इसमें वाई-फाई कैमरा, ट्रांसमीटर रिसीवर, एलईडी बल्ब,12 वोल्ट का बैटरी और रिमोट आदि का इस्तेमाल किया गया है। इसे रिमोट और मोबाइल फोन दोनों ही माध्यमों से चलाया जा सकेगा। इसे लाइव कैम के जरिए पुलिस कंट्रोल रूम से जोड़ा जा सकता है। इसका डेटा पुलिस के पास एकत्रित किया जा सकता है। एक बार चार्ज करने पर यह तकरीबन आधा घण्टे तक काम कर सकता है। हालांकि, इसके बैकअप को और बढ़ाया जा सकता है।
वैज्ञानिक श्याम चैरसिया के मुताबिक, पुलिस जवान रिमोट की सहयता से इसे भीड़ के बीच में भेज सकते हैं, इससे वहां पर अनाउसंमेंट की जा सकती है, इसके कैमरे से रिकडिर्ंग भी की जा सकती है, जो उपद्रवियों को पहचानने में बहुत सहायक हो सकता है। इसके अलावा, इसे एक साथ कई थानों को जोड़ा जा सकता है। इस बुलडोजर रोबोगन का वजन चार किलोग्राम है। इसे बनाने में अब तक 15 हजार रुपये की लागत और तकरीबन दो माह का समय लगा है। इसे 100 मीटर की रेंज तक बड़े आराम से चलाया जा सकता है। हालांकि, इसकी रेंज को और भी ज्यादा बढ़ाया जा सकता है।
मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी (एमआईइटी) के वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल ने बताया कि यह बहुत अच्छा नवाचार है, जिसे हमारे युवा वैज्ञानिक श्याम ने तैयार किया है। इसके माध्यम से पुलिस को सुरक्षा करने में काफी मदद मिलेगी। इस प्राजेक्ट को सरकार और पुलिस की सहयता के लिए हमने मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेषक को पत्र भी लिखा है।
क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया कि सुरक्षा के ²ष्टिकोण से बहुत अच्छे नवाचार को बनाया गया है। इसके इस्तेमाल न सिर्फ आमजन को सुरक्षित किया जा सकेगा, बल्कि सरकारी संपत्ति को नुकसान से बचाया जा सकेगा। इस तकनीक में मैनपावर की बहुत कम लगेगी, जिससे जान-माल का खतरा कम होगा।
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