पूर्व केंद्रीय मंत्री और पट्टालि मक्कल काची (पीएमके) के नेता अंबुमणि रामदास ने शनिवार को तमिलनाडु सरकार से ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक संशोधित कानून लाने का आग्रह किया।
रामदास ने सिलसिलेवार ट्वीटों में कहा कि राज्य सरकार को वर्तमान विधानसभा सत्र के दौरान ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून लाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य में ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध हटने के तुरंत बाद, लोगों को ऑनलाइन गेमिंग की ओर आकर्षित करने वाले विज्ञापनों की बाढ़ आ गई है।
पीएमके नेता ने कहा कि प्रतिबंध हटने के 16 दिनों के भीतर विल्लुपुरम जिले में एक व्यक्ति ने हजारों रुपये गंवाने के बाद आत्महत्या कर ली।
इससे पहले अगस्त में, मद्रास उच्च न्यायालय ने राज्य में ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने वाली पिछली अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा लाए गए कानून को रद्द कर दिया था। कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए जुर्माने और जेल की सजा का भी प्रावधान था।
युवाओं को ठगे जाने और आत्महत्या रोकने करने के साथ-साथ निर्दोष नागरिकों की रक्षा के लिए अन्नाद्रमुक सरकार ने तमिलनाडु गेमिंग अधिनियम, 1930, (1930 का तमिलनाडु अधिनियम 3), चेन्नई शहर पुलिस अधिनियम, 1888 (तमिलनाडु अधिनियम) और 1859 के तमिलनाडु जिला पुलिस अधिनियम (तमिलनाडु अधिनियम 14) में संशोधन कर कानून लाया था।
मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने पिछले साल जुलाई में सुझाव दिया था कि तत्कालीन अन्नाद्रमुक सरकार ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को विनियमित करने के लिए उपयुक्त कानून बनाए।
प्रतिबंध हटाने के अदालत के आदेश के तुरंत बाद तमिलनाडु के कानून मंत्री एस. रेघुपति ने कहा था कि द्रमुक सरकार फिर से रम्मी जैसे ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक उचित कानून लाएगी।
रेघुपति ने कहा है कि जनहित सर्वोपरि है, इसलिए उचित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए और वैध कारणों को निर्दिष्ट करते हुए, द्रमुक सरकार ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून लाएगी।
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Source : IANS