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एवियन इन्फ्लुएंजा से भारत में पहली मौत खतरनाक, उत्पत्ति जानने की जरूरत : विशेषज्ञ

एवियन इन्फ्लुएंजा से भारत में पहली मौत खतरनाक, उत्पत्ति जानने की जरूरत : विशेषज्ञ

Updated on: 21 Jul 2021, 07:10 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मंगलवार को एच5एन1 वायरस के कारण हुए एवियन इन्फ्लुएंजा यानी बर्ड फ्लू से 11 साल के एक लड़के की मौत हो गई। भारत में इस तरह की पहली मौत ने इस गंभीर मामले पर चिकित्सा विशेषज्ञों का ध्यान खींचा है।

चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा कि एच5एन1 से एक मानव की मौत की रिपोर्ट चिंताजनक है और इसकी उत्पत्ति और रूपों के लिए पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए और तत्काल उपाय किए जाने की जरूरत है।

हालांकि, एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, एम्स में एवियन इन्फ्लुएंजा से संक्रमित कोई दूसरा मरीज नहीं है।

वरिष्ठ डॉक्टरों ने कहा कि बर्ड फ्लू के कई मामले होने की आशंका है, लेकिन अब तक मृत्युदर बहुत कम है। यह प्रकार पर भी निर्भर करता है, क्योंकि वायरस के विभिन्न उपभेदों का मानव शरीर पर अलग प्रभाव पड़ता है।

राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. बी.एल. शेरवाल ने कहा, दिल्ली में भी बर्ड फ्लू के कुछ मामले होने की संभावना है, लेकिन यह पहली बार है, जब इतनी गंभीर बात सामने आई है। एक इंसान की मौत सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल खतरनाक है और इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।

शेरवाल ने कहा, इस मामले की बहुत सावधानी से जांच की जानी चाहिए, ताकि इसकी उत्पत्ति का पता लगाया जा सके और इसके बारे में और जानने के लिए जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला में जांच की जा सके। हमें यह जानने की जरूरत है कि यह चिकन या जंगली पक्षी से आया है या नहीं।

चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, एवियन इन्फ्लूएंजा (एच5एन1) या एच5एन8 को आमतौर पर बर्ड फ्लू कहा जाता है, हालांकि कई अन्य उपभेद प्रचलित हैं। यह खून की बूंदों, लार और पक्षियों के स्राव से फैलता है।

पीएसआरआई अस्पताल की डॉ. नीतू जैन ने कहा, वायरस सांस द्वारा या नाक, मुंह या आंखों के माध्यम से मानव शरीर में प्रवेश करता है। जब भी कोई व्यक्ति अपने मुंह या नाक को गंदे हाथों से छूता है, तो संक्रमण की संभावना होती है। बर्ड फ्लू एक संक्रामक सांस की बीमारी है और लक्षण सामान्य सर्दी जैसा होता है। हालांकि, बीमारी की गंभीरता हल्की बीमारी से लेकर गंभीर बीमारी तक भिन्न होती है। बर्ड फ्लू से मृत्युदर 60 प्रतिशत तक हो सकती है।

उन्होंने कहा कि ज्यादातर पोल्ट्री में काम करने वाले लोग बर्ड फ्लू से प्रभावित होते हैं। लोगों को सीधे संक्रमित मुर्गे के संपर्क में आने से बचना चाहिए, उन्हें अधपके चिकन और अंडे के सेवन से बचना चाहिए।

डॉ. नीतू जैन ने कहा कि जो लोग नियमित रूप से पक्षियों के संपर्क में रहते हैं, उन्हें सालाना फ्लू का टीका लगवाना चाहिए। उन्होंने कहा, यह बर्ड फ्लू को नहीं रोकेगा, लेकिन अन्य फ्लू वायरस के साथ सह-संक्रमण के जोखिम को कम कर सकता है।

एम्स के मुताबिक, मंगलवार को वहां जिस लड़के की मौत हुई, वह एच5एन1 वायरस से संक्रमित था और हरियाणा का रहने वाला था। उसे 2 जुलाई को निमोनिया और ल्यूकेमिया के साथ भर्ती कराया गया था।

एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की एक टीम को हरियाणा के लड़के के गांव में एच5एन1 के और मामलों की जांच करने और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए भेजा गया है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.