सबसे बड़ी रेडियो दूरबीन करेगी 'नई दुनिया' की खोज, जानें कैसे

अभी तक की सबसे बड़ी और सबसे संवेदनशील रेडियो दूरबीन (टेलीस्कोप), सौर ग्रहों व एक्सोप्लैनेट्स की खोज करेगी.

अभी तक की सबसे बड़ी और सबसे संवेदनशील रेडियो दूरबीन (टेलीस्कोप), सौर ग्रहों व एक्सोप्लैनेट्स की खोज करेगी.

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Deepak Pandey
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सबसे बड़ी रेडियो दूरबीन करेगी 'नई दुनिया' की खोज, जानें कैसे

प्रतीकात्मक तस्वीर

अभी तक की सबसे बड़ी और सबसे संवेदनशील रेडियो दूरबीन (टेलीस्कोप), सौर ग्रहों व एक्सोप्लैनेट्स की खोज करेगी. यह पृथ्वी जैसे चुंबकीय क्षेत्र जोकि 100 प्रकाश वर्ष से अंदर है, उनकी खोज करेगा. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, चीन और फ्रांस जैसे देशों के खगोलविदों ने हाल ही में अपनी महत्वाकांक्षी अवलोकन योजना प्रकाशित की, जिसमें पांच सौ मीटर छिद्र गोलाकार रेडियो टेलीस्कोप (एफएएसटी) का उपयोग शैक्षणिक पत्रिका रिसर्च इन एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स में किया गया है.

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चीनी विज्ञान अकादमी के राष्ट्रीय खगोलीय वेधशाला के एक शोधकर्ता और एफएएसटी के प्रमुख वैज्ञानिक ली डि ने कहा कि वैज्ञानिक ऐसे रहने लायक ग्रहों के बारे में अधिक चिंतित हैं, जिनमें न केवल पानी बल्कि उपयुक्त तापमान और वातावरण के साथ चुंबकीय क्षेत्र हो. पेरिस ऑब्जर्वेटरी के एक खगोलशास्त्री फिलिप जरका ने कहा कि ग्रह जीवन के सबसे अनुकूल चक्र हैं. आज तक लगभग 4,000 एक्सोप्लैनेट्स पाए गए हैं.

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सौर-मंडल में छह चुंबकीय ग्रह बुध, पृथ्वी, बृहस्पति, शनि, अरुण (यूरेनस) और वरुण (नेपच्यून) मौजूद हैं. लि ने कहा, "हम एफएएसटी के साथ कोशिश करना चाहते हैं, जोकि दुनिया का सबसे संवेदनशील रेडियो टेलीस्कोप है. अगर हम पहली बार किसी एक्सोप्लैनेट के रेडियो विकिरण का पता लगाकर इसके चुंबकीय क्षेत्र की पुष्टि कर पाए तो यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण खोज होगी."

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