ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध के विवाद के बाद एक स्टार्टअप हब के रूप में बेंगलुरु की छवि को नुकसान होगा : सर्वेक्षण

ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध के विवाद के बाद एक स्टार्टअप हब के रूप में बेंगलुरु की छवि को नुकसान होगा : सर्वेक्षण

ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध के विवाद के बाद एक स्टार्टअप हब के रूप में बेंगलुरु की छवि को नुकसान होगा : सर्वेक्षण

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

स्टार्टअप बिजनेस एकेडमी द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, कर्नाटक में ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध के हालिया विवाद के बाद स्टार्टअप हब के रूप में बेंगलुरु की छवि को नुकसान होगा।

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80 प्रतिशत उत्तरदाताओं का ढृढ़ता से मानना है कि यदि गेमिंग स्टार्ट-अप बेंगलुरु से बाहर चले जाते हैं, तो एक स्टार्ट-अप गंतव्य के रूप में बेंगलुरु और कर्नाटक की छवि पर भारी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

स्टार्टअप बिजनेस एकेडमी, स्टार्टअप उद्यमियों पर केंद्रित एक संगठन, ने संस्थापकों और कर्मचारियों सहित स्टार्टअप समुदाय के 650 से ज्यादा उत्तरदाताओं के बीच एक अध्ययन किया। सर्वेक्षण में शामिल अधिकांश लोगों ने कहा कि प्रतिबंध न केवल बैंगलुरू की छवि को प्रभावित करेगा, बल्कि अन्य स्टार्ट-अप और आईटी क्षेत्रों पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। लगभग 70 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध का आईटी उद्योग के अन्य क्षेत्रों और स्टार्ट-अप पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

उत्तरदाताओं में से 80 प्रतिशत का यह भी ढृढ़ता से मानना है कि यदि गेमिंग स्टार्ट-अप बेंगलुरू से बाहर नीति समर्थन की कमी के कारण भारत में अन्य स्टार्ट-अप गंतव्यों में स्थानांतरित हो जाते हैं, तो स्टार्ट अप गंतव्य के रूप में बेंगलुरू और कर्नाटक की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

कर्नाटक विधानसभा ने एक विधेयक पारित किया था, जिसमें प्रवेश शुल्क वाले ऑनलाइन कौशल खेलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। वर्तमान में, कर्नाटक 91 से अधिक गेमिंग कंपनियों और डेवलपर्स का घर है, जो लगभग 4,000 लोगों को रोजगार देते हैं। विधेयक का इन कंपनियों पर राजस्व और नौकरी के नुकसान के रूप में गंभीर प्रभाव पड़ेगा और इस क्षेत्र के विकास को रोक देगा। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे राज्य में तकनीकी कंपनियों को आकर्षित करने की कर्नाटक की क्षमता बुरी तरह प्रभावित होगी।

सिर्फ नीति ही नहीं, 69 फीसदी उत्तरदाताओं को लगता है कि बुनियादी ढांचे, यातायात, सार्वजनिक परिवहन की कमी और स्पष्ट स्टार्टअप अनुकूल राज्य सरकार की नीति की कमी जैसे कई जटिल कारकों के कारण बेंगलुरु अंतत: स्टार्ट-अप के लिए अपना आकर्षण खो देगा। साथ ही, 33 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि दिल्ली एनसीआर, पुणे, चेन्नई और हैदराबाद जैसे अन्य शहरों ने उच्च-स्तरीय स्टार्ट-अप उद्यमियों और निवेशकों को बेहतर नीतियां और वातावरण प्रदान करना शुरू कर दिया है।

स्टार्ट-अप बिजनेस एकेडमी के सीईओ और संस्थापक नीरज कपूर ने कहा, बेंगलुरू शहर के नेतृत्व में कर्नाटक एक जीवंत निजी उद्यम के मद्देनजर आईटी विकास और स्टार्ट-अप के वैश्विक केंद्र के रूप में भारत का ध्वजवाहक रहा है। हाल के घटनाक्रम से अन्य भारतीय राज्यों की तुलना में आईटी और सेवाओं से संबंधित कर्नाटक राज्य की स्थिति को खतरा है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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