Advertisment

एक ओमिक्रॉन मरीज पहले ही ठीक हो चुका है, दूसरा क्वारंटीन है: कर्नाटक

एक ओमिक्रॉन मरीज पहले ही ठीक हो चुका है, दूसरा क्वारंटीन है: कर्नाटक

author-image
IANS
New Update
Bengaluru A

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

भारत में ओमिक्रॉन वेरिएंट के पहले मामले का पता चलने के साथ ही सरकारी एजेंसियां और अधिकारी हरकत में आ गए हैं। कर्नाटक में दो लोगों में इस वेरिएंट से पॉजिटिव पाए जाने के बाद राज्य के अधिकारी इस समस्या से निपटने के लिए कार्रवाई की योजना बनाने में जुट गए हैं।

राज्य की राजधानी के नागरिक निकाय, बृहत बेंगलुरु महानगर पालिक (बीबीएमपी) ने कोविड वार रूम में एक आपातकालीन बैठक बुलाई।

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, संक्रमित लोगों में से एक पहले ही ठीक हो चुका है, जबकि दूसरा बेंगलुरु में क्वारंटीन है।

बीबीएमपी ने दो संक्रमित व्यक्तियों के प्राथमिक संपर्कों को ट्रैक किया है, पहले संक्रमित व्यक्ति के 12 प्राथमिक संपर्कों का टेस्ट निगेटिव आया है, दूसरे संक्रमित के 212 प्राथमिक संपर्कों को क्वारंटीन कर दिया गया है और उनके रिपोर्ट का इंतजार है।

अधिकारियों के मुताबिक, पहला संक्रमित व्यक्ति 1 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से आया था और दूसरा 15 से 20 नवंबर के बीच पहला संक्रमित व्यक्ति क्वारंटीन पूरा कर चुका है। वो स्वस्थ है और दूसरा भी कम लक्षण वाला और ठीक है।

राज्य के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री के. सुधाकर ने पहले कहा था कि कर्नाटक में हर दिन लगभग 2,500 अंतर्राष्ट्रीय यात्री आते हैं और अब सभी के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट करना अनिवार्य है।

उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई भी उच्च जोखिम वाले देशों से अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे। नए कोविड वैरिएंट से संक्रमण के उपचार के लिए नए दिशानिर्देश और प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा।

मंत्री ने कहा, जो निगेटिव होंगे, उन्हें सात दिनों के लिए होम क्वारंटीन किया जाएगा। जो लोग निगेटिव हैं, उनके लिए पांचवें दिन क्वारंटीन करना होगा। सातवें दिन लक्षणों की जांच की जाएगी। यदि पॉजिटिव पाए गए, तो उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा और उनका अलग से इलाज किया जाएगा।

राज्य पहले ही बेड की उपलब्धता, ऑक्सीजन बेड, डॉक्टरों और कर्मियों की तैनाती और दवा की आपूर्ति सहित स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं पर चर्चा कर चुका है।

उन्होंने क्वारंटीन ऐप और टेलीमेडिसिन जैसी तकनीक का उपयोग करने पर भी विचार किया है। साथ ही इलाज के लिए अलग-अलग दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए 10 विशेषज्ञों का एक पैनल बनाया गया है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment