एंटीबायोटिक के अधिक इस्तेमाल से बुजुर्गो में आईबीडी की अधिक संभावना

एंटीबायोटिक के अधिक इस्तेमाल से बुजुर्गो में आईबीडी की अधिक संभावना

एंटीबायोटिक के अधिक इस्तेमाल से बुजुर्गो में आईबीडी की अधिक संभावना

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IANS
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Antibiotic ue

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

शोधकर्ताओं का कहना है कि 60 साल या उससे अधिक आयु के मरीजों को जितना अधिक एंटीबायोटिक दिया जायेगा, उतना ही उनके इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (आईबीडी) से ग्रसित होने की संभावना बढ़ती जायेगी।

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न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ता एडम एस फाये के अनुसार, 60 साल और उससे अधिक आयु के लोगों के क्रॉन बीमारी और अल्सरेटीव कोलाइटिस से ग्रसित होने में एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन की भूमिका रही है।

शोध अध्ययन के दौरान 23 लाख मरीजों के रिकॉर्ड की समीक्षा की गई।

शोधकर्ताओं का कहना है कि दूसरे व्यस्कों में पर्यावरणीय कारक जेनेटिक्स से अधिक महत्वपूर्ण हैं।

उन्होंने कहा कि जब क्रॉन बीमारी और अल्सरेटीव कोलाइटिस से ग्रसित युवा मरीजों के रिकॉर्ड को देखा जाये तो पता चलेगा कि उनकी फैमिली हिस्ट्री मजबूत रही है। लेकिन अधिक आयु के लोगों के मामले में ऐसा नहीं है यानी पर्यावरण में कुछ ऐसा है जिससे यह हो रहा है।

शोधकर्ताओं ने डेनमार्क के नेशनल डाटाबेस का इस्तेमाल किया। यह सभी लोगों के मेडिकल रिकॉर्ड का डाटाबेस है। शोधकर्ताओं ने 2000 से 2018 के बीच आईबीडी से ग्रसित होने वाले 60 साल और उससे अधिक आयु के लोगों को लिखी जाने वाली दवाओं के रिकॉर्ड देखे।

शोधकर्ताओं ने देखा कि उन मरीजों को एंटीबायोटिक का कौन सा कोर्स किया है और उन्होंने हाल ही में कब एंटीबायोटिक ली थी।

उन्होंने पाया कि एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से आईबीडी से ग्रसित होने की संभावना बढ़ जाती है और जैसे-जैसे मरीज अन्य एंटीबायोटिक का कोर्स करता है, वैसे-वैसे यह संभावना भी बढ़ती जाती है।

एक कोर्स के बाद मरीज के आईबीडी से ग्रसित होने की संभावना 27 प्रतिशत अधिक बढ़ जाती है। एंटीबायोटिक का दो कोर्स करने पर यह जोखिम 55 प्रतिशत और तीन कोर्स करने पर 67 प्रतिशत बढ़ जाती है।

चार कोर्स करने पर यह संभावना 96 प्रतिशत और पांच या उससे अधिक कोर्स करने पर 236 प्रतिशत बढ़ जाती है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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