मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माया सेन कोरोना का मायाजाल तोड़ने में सफल रही है। माया ने अपनी जागरुकता के चलते गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों के कोरोना संक्रमित होने के बाद बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई, वहीं एक परिवार के 12 लोगों जान बचाने में सफलता पाई।
गोविंदपुरा सेक्टर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं माया सेन। भोपाल में कोविड संक्रमण तेजी से फैल रहा था। शहरी और घनी आबादी होने के कारण यहां पर खतरा ज्यादा था। क्योंकि उनके क्षेत्र में 12 से अधिक ऐसे बुजुर्ग लोग भी थे, जिनको गंभीर बीमारियां थीं। वहीं एक परिवार के 12 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
वे बताती हैं कि, लॉकडाउन की घोषणा के बाद हमने पीपीई किट पहनकर घर - घर सर्वे शुरू किया। हम उन लोगों के घर कई बार गए जिनके घरों में बीमार बुजुर्ग थे। तब पाया कि उनकी तबीयत बिगड़ रही है और बहू - बेटे लगातार अपनी मां का हाल छुपा रहे थे। बाद में सलाह दिए जाने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बीच उनकी बहू जो सास की सेवा कर रही थी, उसमें भी कोविड के लक्षण दिखे।
बाद में जांच में उनके परिवार के सभी 12 सदस्य कोविड पॉजिटिव पाए गए। मां के इलाज में देर हो गई थी, इसलिए उनकी मां को नहीं बचाया जा सका। परिवार के बाकी सभी 12 सदस्य पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर घर लौट आए।
माया ने बताया कि, मेरे क्षेत्र में 14 नए केस पॉजिटिव आए, इससे सभी लोगों में बहुत दहशत भर गई। लोग बुरी तरह डरे हुए थे। हम रोज सुबह अपने घर से निकलते और क्षेत्र का भ्रमण करते। हम लगातार लोगों की जांच कर रहे थे। हमने सुरक्षा के सभी उपायों के बारे में घर-घर जाकर लोगों को जागरुक किया।
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Source : IANS