इतिहास में पहली बार देश में प्रजनन दर, जो इंगित करती है कि एक महिला अपने जीवनकाल में कितने बच्चे पैदा करेगी, घटकर 2 रह गई है।
आईएएनएस-सीवोटर इश्यूज दैट डोमिनेटेड इंडिया 2021 में यह जानकारी सामने आई है।
प्रतिस्थापन स्तर (रिप्लेसमेंट लेवल), जहां एक वर्ष में बूथों और मौतों की संख्या लगभग एक दूसरे से मेल खाती है और यह 2.1 दर्ज की गई है। वास्तव में, भारत पहले ही वर्चुअली अपरिवर्तनीय अवस्था में प्रवेश कर चुका है, जिससे आने वाले दशक में जनसंख्या स्थिर हो जाएगी और उसके बाद घटने लगेगी।
जनसंख्या विस्फोट और जनसांख्यिकीय परिवर्तन के बारे में बात करने वाले विभिन्न सिद्धांतों (थ्योरीज) के लिए यह एक उपयुक्त डेटा संचालित उत्तर है। दुनिया के सभी देश इस प्रक्रिया से गुजरे हैं और भारत भी इससे अलग नहीं है। रूस, जापान और चीन जैसे देशों में अगले कई दशकों में जनसंख्या में बड़ी गिरावट देखी जा सकती है।
हिंदी भाषी राज्य अभी भी इस स्कोर में अपने समकक्षों से पीछे हैं और यहां पर प्रजनन दर 2.2 से ऊपर बनी हुई है। लेकिन यहां तक कि इन राज्यों में भी पिछले दिनों भारी गिरावट देखी गई है, मगर साथ ही बढ़ती महिला साक्षरता की वजह से आने वाले वर्षों में इसके अन्य राज्यों के बराबर आने की पूरी संभावना है।
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Source : IANS