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क्या नोटों के जरिये फैल सकता है वायरस? - कैट ने स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर की चुप्पी पर जताई नाराजगी

क्या नोटों के जरिये फैल सकता है वायरस? - कैट ने स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर की चुप्पी पर जताई नाराजगी

Updated on: 12 Jan 2022, 08:35 PM

नई दिल्ली:

कॉनफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और आईसीएमआर के अध्यक्ष डॉक्टर बलराम भार्गव को एक ज्ञापन भेज उनसे तत्काल ये स्पष्ट करने को कहा कि चलन में चल रहे नोटों में वायरस हैं या नहीं।

वहीं मुद्रा नोट वायरस के वाहक हैं या नहीं, यह स्पष्ट करने के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे में से एक पर स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की चुप्पी पर भी कैट ने खेद व्यक्त किया है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि, मामला 2018 से लटका हुआ है, जिसके लिए कैट ने नियमित रूप से विभिन्न ज्ञापन भेजे हैं लेकिन आश्चर्यजनक रूप से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर दोनों ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। वर्तमान कोविड परि²श्य में जहां कोविद एक वायरस से फैलता है, स्पष्टीकरण बहुत महत्व रखता है।

देश भर के करोड़ों व्यापारियों द्वारा मुद्रा नोटों को संभालना व्यावसायिक गतिविधियों का एक नियमित और अभिन्न अंग है और अगर यह साबित करता है कि मुद्रा नोट वायरस के वाहक हैं, तो यह न केवल व्यापारियों के लिए बल्कि उनके उपभोक्ताओं के लिए घातक हो सकता है।

कैट के मुताबिक, 2 सिंतबर 2018 में तत्कालीन वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को एक ज्ञापन भेजा था और उसके बाद 2019 , 2020 और 2021 में स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर को कई अन्य रिमाइंडर भी दिए गए, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर दोनों से कोई स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं हुआ, जबकि ये मुद्दा बेहद गम्भीर प्रकृति का है। हम समझ नहीं पा रहे हैं कि स्पष्टीकरण को क्यों दबाया जा रहा है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.