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सावधान! 70 लाख भारतीय डेबिट, क्रेडिट कार्ड होल्डर के फोन नंबर, नाम डार्क वेब पर लीक

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक कार्ड होल्डर का ईमेल आईडी, नाम, फोन नंबर, एम्पलॉयर फर्म और सालाना इनकम तक की जानकारी लीक हुई है. उनका कहना है कि फाइनेंशियल डेटा होने की वजह से यह हैकर्स और स्कैमर के लिए काफी फायदेमंद है.

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक कार्ड होल्डर का ईमेल आईडी, नाम, फोन नंबर, एम्पलॉयर फर्म और सालाना इनकम तक की जानकारी लीक हुई है. उनका कहना है कि फाइनेंशियल डेटा होने की वजह से यह हैकर्स और स्कैमर के लिए काफी फायदेमंद है.

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Dhirendra Kumar
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Dark Web

डार्क वेब (Dark Web) ( Photo Credit : newsnation)

डेबिट कार्ड (Debit Card) और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपको एक बार जरूर पढ़ लेनी चाहिए. एक इंटरनेट सिक्योरिटी रिसर्चर के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक डार्क वेब (Dark Web) के ऊपर 70 लाख से ज्यादा क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड होल्डर की व्यक्तिगत जानकारियां लीक हो गई हैं. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक कार्ड होल्डर का ईमेल आईडी,  नाम, फोन नंबर, एम्पलॉयर फर्म और सालाना इनकम तक की जानकारी लीक हुई है.

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 करीब 2 जीबी (GB) के डेटाबेस लीक 
बता दें कि करीब 2 जीबी (GB) के डेटाबेस लीक हुए हैं. यूजर्स का अकाउंट कैसा है और इसे मोबाइल अलर्ट पर स्विच किया है या नहीं है. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार सिक्योरिटी रिसर्चर राजशेखर राजाहरिया का दावा है कि 2010 और 2019 के बीच डेटा लीक हुआ है. उनका कहना है कि इस डेटा से स्कैमर और हैकर्स फायदा उठा सकते हैं. उनका कहना है कि फाइनेंशियल डेटा होने की वजह से यह हैकर्स और स्कैमर के लिए काफी फायदेमंद है. जानकारी के मुताबिक लीक हुए डेटा में कार्ड नंबर शामिल नहीं है.

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इंटरनेट के ऊपर सबसे ज्यादा कीमत पर बिकता है फाइनेंशियल डेटा 
सिक्योरिटी रिसर्चर राजशेखर राजाहरिया का कहना है कि यह डेटा थर्ड पार्टी के जरिए ही लीक हुआ होगा. बैंक ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड की बिक्री के लिए इन थर्ड पार्टी को अनुबंधित किया गया था. उनका कहना है कि लीक डेटा में करीब 5 लाख कार्डधारों के पर्मानेंट अकाउंट नंबर यानि PAN भी शामिल है. हालांकि उनका कहना है कि इन लीक हुए डेटा में 70 लाख यूजर्स के आंकड़े सही थे या नहीं इसका खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है. उनका कहना है कि किसी व्यक्ति ने डार्क वेब पर इस डेटा या लिंक को बेच दिया है और उसके बाद यह सार्वजनिक हो गया है. आपको बता दें कि इंटरनेट के ऊपर फाइनेंशियल डेटा सबसे ज्यादा कीमत पर बिकता है.

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