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6 महीने+24 घंटे काम+100 वैज्ञानिक= मिशन शक्ति, जानें इस मिशन के पीछे का पूरा सच

A-SAT मिसाइल में लो अर्थ आर्बिट (LEO) सैटेलाइट को निशाना बनाने की अचूक क्षमता है

Updated on: 28 Mar 2019, 10:35 AM

नई दिल्ली:

मिशन शक्ति से भारत ने पूरी दुनिया में अंतरिक्ष में अपनी ताकत का लोहा मनवा लिया है. मिशन शक्ति को सफल बनाने में किन-किन बातों को ख्याल रखा गया. हम आपके सामने उन सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को साझा करेंगे. DRDO चेयरमैन जी सतीश रेड्डी ने न्यूज एजेंसी एएनआइ (ANI) को दिए इंटरव्यू में इस मिशने से जुड़े कई अहम राज़ खोले हैं।उनका कहना है कि वैज्ञानिकों के अथक प्रयास, मेहनत और सरकार के उचित दिशानिर्देश की वजह से हम यह मुकाम हासिल कर पाए हैं.

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DRDO चेयरमैन जी सतीश रेड्डी का कहना है कि पिछले 6 महीने में A-SAT मिसाइल कार्यक्रम पर बहुत तेजी से काम कर रहे थे. हालांकि यह कार्यक्रम कुछ साल पहले शुरू किया गया था. इस कार्यक्रम को सफल बनाने 100 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने 24 घंटे काम किया. उन्होंने कहा कि नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजीत डोवाल इस टेस्ट को करने की सलाह दी. हम कार्यक्रम से जुड़े रणनीतिक मामलों के लिए उन्हें रिपोर्ट करते हैं. इस टेस्ट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति थी.

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DRDO चेयरमैन जी सतीश रेड्डी का दावा है कि A-SAT यानि एंटी सैटेलाइट मिसाइल की मारक क्षमता 1,000 किलोमीटर से ज्यादा है. उनका कहना है कि यह पृथ्वी मिसाइल की नकल नहीं है. न्यूज एजेंसी एएनआइ (ANI) से बातचीत में रेड्डी ने कहा कि 2 साल पहले A-SAT की क्षमता को विकसित करने की योजना को शुरू की गई थी. उनका कहना है कि A-SAT मिसाइल में लो अर्थ आर्बिट (LEO) सैटेलाइट को निशाना बनाने की अचूक क्षमता है.

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उन्होंने कहा कि हमने 'काइनेटिक किल' के जरिए लक्ष्य को मारा है. इसका मतलब है कि सीधे ही सेटेलाइट को मार गिराना. इसमें कई तकनीकों को शामिल किया गया है. इस तकनीक को हमने पूरी तरह से स्वदेशी रूप से विकसित किया है. इस तकनीक से हमने कुछ ही सेंटीमीटर से लक्ष्य को पूरी सटीकता के साथ मार गिराने में सफलता हासिल की।
गौरतलब है कि भारत अंतरिक्ष में एक और उपलब्धि हासिल करते हुए बुधवार को 300 किमी ऊपर LEO में एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया। भारत ने A-SAT या एंटी सैटेलाइट मिसाइल के जरिए यह उपलब्धि हासिल की। बता दें कि बुधवार को प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए इस मिसाइल के सफल परीक्षण की जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि इस सफल परीक्षण के बाद हम दुनिया के उन चार देशों में शामिल हो गए हैं जिनके पास यह ताकत है. इस परीक्षण के साथ ही हम अमेरिका, रूस और चीन के साथ चौथी महाशक्ति बन गए।