Advertisment

Chandra Grahan 2018: आज पृथ्वी के सबसे करीब होकर गुजरेगा मंगल, चंद्र ग्रहण के बुरे अभाव से बचने के लिए करें इन मंत्रों का जाप

आज साल का दूसरा चंदग्रहण लगेगा। यह 21 वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण है। सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण तीन घंटे 55 मिनट का होगा।

author-image
ruchika sharma
एडिट
New Update
Chandra Grahan 2018: आज पृथ्वी के सबसे करीब होकर गुजरेगा मंगल, चंद्र ग्रहण के बुरे अभाव से बचने के लिए करें इन मंत्रों का जाप

चंद्रग्रहण

Advertisment

अगर आप साल की शुरुआत में सुपरमून का दीदार नहीं कर पाए तो अब आपके लिए सदी के सबसे लंबे चंद्रग्रहण को देखने का मौका है। शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर चांद को ग्रहण लग रहा है और यह 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह एक अशुभ घटना है और इसकी छाया से बचने के लिए लोग ग्रहण के बाद स्नान-दान करते हैं। लेकिन अब ज्ञान-विज्ञान का प्रसार होने से चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण संबंधी भ्रांतियां कम हुई हैं।

 सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण तीन घंटे 55 मिनट का होगा

ग्रहण की खासियत है यह कि इसे बिना किसी उपकरण के नंगी आंखों से देखा जा सकेगा। चंद्र ग्रहण को भारत समेत अफ्रीका, मिडिल ईस्‍ट और दक्षिण एशिया में खुली आंखों से देखा जा सकेगा। 

बताया जा रहा है 1700  साल पहले सबसे लंबा पूर्ण चंद्र ग्रहण पड़ा था। आज जैसा चांद का करीब 150 साल पहले दिखाई दिया था।

भारतीय समय के मुताबिक, यह चंद्र ग्रहण 27 जुलाई को रात 11 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगा और 28 जुलाई को सुबह 3:49 बजे खत्म होगा।

इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण है

 इन मंत्रों का करें जाप

ग्रहण के दौरान श्रद्धापूर्वक इन मंत्रों का जाप करने से अशुभ प्रभाव से बचा जा सकेगा

चंद्रमा के मंत्र- ओम सोम सोमाय नमः 

ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्रमसे नम:

ॐ सों सोमाय नम:

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै

गायत्री मंत्र: ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्||

और पढ़ें: Guru Purnima 2018: गुरु पूर्णिमा पर चंद्र गहण का पड़ना बनाता है यह खास संयोग

क्या है सुपर ब्लड मून

ग्रहण के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चांद सीधी रेखा में आ जाते है और चांद पर पृथ्वी की छाया पड़ती है। इस दौरान सूर्य की लालिमा से चांद नारंगी दिखने लगता है, इसलिए इसे ब्लड मून या सुपरमून कहा जाता है।

खगोल वैज्ञानिकों ने बताया कि बीते 60 हजार सालों में दूसरी बार मंगल ग्रह हमें इतना करीब और साफ दिखाई देगा। इस दौरान चंद्रमा खूबसूरत लाल या भूरे रंग का दिखाई देगा जिसे वैज्ञानिकों ने 'बल्ड-मून' का नाम दिया है। सुपरब्लड मून का दीदार बिना किसी उपकरण के कर सकेंगे

जुलाई में पड़ने वाले चंद्र ग्रहण के दौरान मंगल 15 सालों में पृथ्वी के सबसे करीब होगा। 2003 के बाद मंगल पृथ्वी के सबसे निकट बिंदु के पास आ जाएगा। अंतरिक्ष में मंगल, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में होंगे, जिसके चलते मंगल पृथ्वी के करीब होगा।

इस दौरान सूर्य का प्रकाश मंगल पर पूरी तरह से पड़ने से इसे पृथ्वी से अच्छी तरह से देखा जा सकेगा। साल 2003 में ऐसा लगभग 60,000 वर्षों में हुआ था।

और पढ़ें: गुरु पूर्णिमा 2018: इस मंत्र के उच्चारण के साथ करें गुरु की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त

Source : News Nation Bureau

lunar eclipse chandra grahan 2018
Advertisment
Advertisment
Advertisment