देश में तीसरी लहर की आशंका के बीच 1,500 से अधिक आयुर्वेद विशेषज्ञ एक साथ आगे आकर बच्चों में कोरोनावायरस महामारी के एक समान इलाज की बात पर चर्चा करेंगे।
रविवार से शुरू होने वाले इस दो दिवसीय ऑनलाइन सम्मेलन का आयोजन केरल-मुख्यालय वैद्यरत्नम समूह द्वारा किया जा रहा है, जिसके संस्थापक स्मरणोत्सव दिवस समारोह के हिस्से के रूप में भारतीय आयुर्वेद में गहरी जड़ें हैं।
कोविड पर वैद्यरत्नम समूह के इस सम्मेलन का आयोजन इस आशंका के साथ किया जा रहा है कि तीसरी लहर में संभावित रूप से बच्चे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। सम्मेलन में नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), कन्नूर के आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज और जयपुर में स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जैसे प्रमुख संगठनों में कार्यरत बाल रोग विशेषज्ञ भी भाग लेंगे, जो कोरोना पर अपने पिछले और हालिया अनुभव को साझा करेंगे।
नवीनतम अध्ययनों के अनुसार, कोरोना की तीसरी लहर 18 वर्ष तक के आयु वर्ग को प्रभावित कर सकती है।
ई.टी. वैद्यरत्नम समूह के निदेशक नीलकंदन मूस ने कहा कि इस संगोष्ठी का मकसद विशेषज्ञ पैनल की सलाह के साथ बाल चिकित्सा मामलों के कोविड प्रबंधन में एक उपचार प्रोटोकॉल विकसित करना है और वयस्कों में कोविड और पोस्ट-कोविड प्रबंधन के प्रति वैज्ञानिक ²ष्टिकोण साझा करना है।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS