केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश के कसौली में 118 साल पुराना केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआई) का लंबे समय से.. स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में गौरवशाली इतिहास रहा है।
सीआरआई के 119वें स्थापना दिवस समारोह में यहां बोलते हुए मंत्री ने कहा कि संस्थान ने कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं और राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में लगातार योगदान दे रहा है।
साथ ही, संस्थान नई उभरती बीमारियों के लिए वैक्सीन निर्माण के क्षेत्र में एक शिक्षण और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में काम कर रहा है।
पवार ने कहा कि सभी बच्चों के लिए टीकाकरण को सुलभ बनाने के उद्देश्य से मिशन इंद्रधनुष शुरू किया गया है, जो बच्चों को तपेदिक (टीबी) सहित सात रोकथाम योग्य बीमारियों से बचाने पर केंद्रित है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2017 में गहन मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम शुरू किया था, जिसका उद्देश्य नियमित टीकाकरण कार्यक्रम से छूटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कवर करना है। कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों और जिलों में टीकाकरण कवरेज में सुधार करना भी है।
मंत्री ने कहा कि इतने बड़े देश को प्रतिरक्षित करने की यात्रा में डिजिटल प्रौद्योगिकियों और अभिनव दृष्टिकोणों के उपयोग से भी टीकाकरण कार्यक्रमों की दक्षता और प्रभावशीलता में सुधार करने में मदद मिली है।
उन्होंने कहा कि संस्थान ने कोविड महामारी के दौरान सराहनीय कार्य किया है और शोध के क्षेत्र में विश्व पटल पर इसकी पहचान है।
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Source : IANS